List of practice Questions

यह गद्यांश महाभारत के प्रसंग से लिया गया है जिसमें अक्रूर भगवान कृष्ण से मिलने मथुरा जा रहे होते हैं।

जब दोपहर में अक्रूर का रथ यमुना तट पर पहुँचा, तो उन्होंने कृष्ण की अनुमति से पवित्र यमुना जल में स्नान किया। स्नान करने के बाद वे ईश्वर का चिंतन करने लगे। तभी उन्हें जल में अद्भुत दृश्य दिखाई दिया — उन्होंने देखा कि श्री बलराम और श्रीकृष्ण जल में ही एक सहस्र सर्पमुखों से युक्त शेषनाग पर विराजमान हैं।

उनके शरीर पर पीताम्बर और रत्नजटित मालाएँ शोभा बढ़ा रही थीं। श्रीकृष्ण के रूप में उन्हें भगवान विष्णु का साक्षात् दर्शन हुआ, जिनकी गोद में बलराम विराजमान थे। वहाँ असंख्य ऋषि और मुनि उनकी आराधना कर रहे थे।

अक्रूर को आश्चर्य हुआ कि श्रीकृष्ण और बलराम इतने शीघ्र वहाँ कैसे पहुँचे। जब वे जल की सतह पर ऊपर आए तो देखा कि कृष्ण और बलराम रथ पर आसीन हैं। इस अद्भुत अनुभव से अक्रूर भाव-विभोर होकर भगवान कृष्ण की स्तुति करने लगे।

यह गद्यांश आतंकवाद की समस्या पर आधारित है।
इसमें बताया गया है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जो पूरी मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। इसका प्रमुख कारण राजनीतिक स्वार्थ, सत्ता की लालसा और धार्मिक कट्टरता है, जो आतंकवादियों को जन्म देती है। यह एक विचारधारा है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे संगठन शामिल हैं।
आतंकवाद ने पूरे विश्व में घातक प्रभाव छोड़ा है। इसने सामाजिक और नागरिक लक्ष्यों के साथ-साथ समाज की आर्थिक संरचना और सामरिक संगठनों को भी प्रभावित किया है। यद्यपि सुरक्षा एजेंसियाँ इसकी रोकथाम के लिए विशेषता विकसित कर रही हैं, फिर भी यह समस्या इतनी जटिल है कि केवल सुरक्षा उपायों से इसका समाधान संभव नहीं।
आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सामाजिक, आर्थिक और सामरिक उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।

यह गद्यांश समय के सदुपयोग और स्वास्थ्य के महत्व पर आधारित है। 
इसमें बताया गया है कि हम जीवन में सुख, समृद्धि, ज्ञान, शांति और कीर्ति चाहते हैं, परंतु ये सब तभी प्राप्त हो सकते हैं जब हम अपने समय के प्रत्येक क्षण का बहुमूल्य मानकर उसका सही उपयोग करें और निरंतर परिश्रम करते रहें। 
यह तभी संभव है जब हम अपने समय का उचित विभाजन और नियोजन करें, क्योंकि समय सीमित है और करने के लिए कार्य अनंत। अतः जो कार्य आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं, उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। सभी कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य और प्रबल इच्छाशक्ति भी आवश्यक है। 
इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और साथ ही अपने संकल्प को दृढ़ बनाकर जीवन में अनुशासन, श्रम और समय का सदुपयोग करना चाहिए।