निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
दूसरी बात, जो इस संबंध में विचारणीय है, वह यह है कि संस्कृति अथवा सामूहिक चेतना ही हमारे देश का प्राण है। इसी नैतिक चेतना के सूत्र से हमारे नगर और ग्राम, हमारे प्रदेश और सम्प्रदाय, हमारे विभिन्न वर्ग और जातियाँ आपस में बँधी हुई हैं, वहाँ उन सब में एकता है। इसी बात को ठीक तरह से पहचान लेने से बापू ने जनसाधारण को बुद्धिजीवियों के नेतृत्व में क्रान्ति करने के लिए तत्पर करने के लिए इसी नैतिक चेतना का सहारा लिया था। अहिंसा, सेवा और त्याग की बातों से जनसाधारण का हृदय इसीलिए आंदोलित हो उठा; क्योंकि उन्हीं से तो वह शताब्दियों से प्रभावित और प्रेरित रहा।