निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश पर आधारित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
कितना जीवन बरस पड़ा है इन दीवारों पर; जैसे फ़साने अज़ायब का भण्डार खुला पड़ा हो। कहानी से कहानी बनती चली गयी है। बन्दरों की कहानी, हाथियों की कहानी, हिरनों की कहानी। कहानी क्रूरता और भय की, दया और त्याग की। जहाँ बेरहमी है, वही दया का भी समुद्र उमड़ पड़ा है। जहाँ पाप है, वहीं क्षमा का सोता फूट पड़ा है। राजा और कंगाल, विलासी और भिक्षु नर और नारी, मनुष्य और पशु सभी कलाकारों के हाथों सिसकते चले गये हैं। हैवान की हैवानों को इंसान की इंसानियत से कैसे जीता जा सकता है, कोई अंततः में जाकर देखे। बुद्धि का जीवन हजार धाराओं में होकर बहता है। जन्म से लेकर निर्वाण तक उनके जीवन की प्रधान घटनाएँ कुछ ऐसे लिख दी गयी हैं कि आँख अटक जाती है, हटने का नाम नहीं लेती।