श्री विनोद चन्द्र पाण्डेय 'विनोद' द्वारा रचित 'जय सुभाष' खण्डकाव्य के नायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हैं। कवि ने उन्हें एक महान राष्ट्रनायक के रूप में चित्रित किया है। उनकी चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
प्रखर देशभक्त: सुभाष चन्द्र बोस में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी थी। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए आई.सी.एस. जैसे प्रतिष्ठित पद को त्याग दिया और अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया।
कुशल संगठनकर्ता: उनमें संगठन की अद्भुत क्षमता थी। उन्होंने 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की स्थापना की और विदेश जाकर 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया, जिसमें हर जाति और धर्म के लोग शामिल थे।
अदम्य साहसी और वीर: नेताजी अदम्य साहसी थे। वे अंग्रेजों की कड़ी निगरानी के बावजूद वेश बदलकर देश से बाहर निकल गए। उन्होंने युद्ध के मैदान में अपनी सेना का नेतृत्व किया और "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा" जैसा वीर नारा दिया।
महान त्यागी और तपस्वी: उनका जीवन त्याग और तपस्या का प्रतीक था। उन्होंने देश के लिए घर-परिवार, पद और समस्त सुखों का त्याग कर दिया और एक संन्यासी की भाँति जीवन व्यतीत किया।
युवाओं के प्रेरणास्रोत: सुभाष चन्द्र बोस का त्यागमय और संघर्षपूर्ण जीवन आज भी भारत के करोड़ों युवाओं को देश-सेवा और आत्म-बलिदान के लिए प्रेरित करता है। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक देदीप्यमान नक्षत्र हैं।