डॉ. जयशंकर त्रिपाठी द्वारा रचित 'मातृ-भूमि के लिए' खण्डकाव्य के नायक अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद हैं। कवि ने उन्हें एक अद्वितीय देशभक्त, साहसी और दृढ़-निश्चयी वीर के रूप में चित्रित किया है। उनकी चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
महान देशभक्त: आज़ाद का सम्पूर्ण जीवन भारत माता को स्वाधीन कराने के लिए समर्पित था। वे बचपन से ही देश की दुर्दशा से दुखी थे और उन्होंने अपना सर्वस्व मातृभूमि के लिए न्योछावर कर दिया।
वीर और साहसी: आज़ाद अद्भुत वीर और साहसी थे। वे काकोरी काण्ड, साण्डर्स-वध आदि अनेक क्रांतिकारी घटनाओं में सम्मिलित रहे। वे अंग्रेजों से कभी भयभीत नहीं हुए और अकेले ही अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेज पुलिस दल का सामना करते रहे।
दृढ़-प्रतिज्ञ: आज़ाद अपने निश्चय के बहुत पक्के थे। उन्होंने जीवित रहते अंग्रेजों के हाथ न आने की प्रतिज्ञा की थी और अन्तिम गोली शेष रहने पर स्वयं को गोली मारकर अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया।
महान संगठनकर्ता: उनमें संगठन करने की अद्भुत क्षमता थी। उन्होंने देश के सभी क्रांतिकारियों को एक सूत्र में पिरोकर एक शक्तिशाली दल का गठन किया। भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त जैसे अनेक क्रांतिकारी उनके दल के सदस्य थे।
अमर शहीद: चन्द्रशेखर आज़ाद ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनका यह बलिदान उन्हें अमर बना गया। वे आज भी भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।