Question:

दिए गए लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए : (i) पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी (ii) जयशंकर प्रसाद (iii) आचार्य रामचंद्र शुक्ल (iv) रामधारी सिंह 'दिनकर' 
 

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जीवन-परिचय लिखते समय, मुख्य बिन्दुओं जैसे- जन्म, स्थान, माता-पिता, शिक्षा, साहित्यिक योगदान, प्रमुख रचनाएँ और मृत्यु को क्रमबद्ध रूप से लिखें। प्रमुख रचना का नाम अलग से और स्पष्ट रूप से उल्लेख करना आवश्यक है।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

आचार्य रामचंद्र शुक्ल
जीवन-परिचय: हिन्दी साहित्य के गौरव, युग-प्रवर्तक आलोचक, निबंधकार और साहित्य-इतिहासकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म सन् 1884 ई. में बस्ती जिले के अगोना नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम पं. चंद्रबली शुक्ल था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा हमीरपुर में हुई और इन्होंने मिशन स्कूल से फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण की। गणित में कमजोर होने के कारण इनकी शिक्षा अधिक आगे नहीं बढ़ सकी। इन्होंने मिर्जापुर के पं. केदारनाथ पाठक एवं बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' के संपर्क में आकर हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और बांग्ला साहित्य का गहन अध्ययन किया। इन्होंने 'आनंद कादंबिनी' पत्रिका में लिखना प्रारम्भ किया। बाद में ये नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से जुड़ गए और 'हिन्दी शब्दसागर' के सहायक संपादक रहे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक नियुक्त हुए और बाबू श्यामसुंदर दास के बाद हिन्दी-विभाग के अध्यक्ष बने। सन् 1941 ई. में हृदय गति रुक जाने से इनका देहावसान हो गया।
साहित्यिक योगदान: शुक्ल जी एक उत्कृष्ट निबंधकार, निष्पक्ष आलोचक, गंभीर विचारक और सफल साहित्य-इतिहासकार थे। इन्होंने हिन्दी साहित्य को वैज्ञानिक आधार प्रदान किया। आलोचना के क्षेत्र में इनका स्थान सर्वोपरि है। इनके निबंध विचार-प्रधान और गंभीर होते हैं।
प्रमुख रचना: चिंतामणि (निबंध-संग्रह)। यह इनकी सबसे प्रसिद्ध रचना है, जिसमें भाव और मनोविकार संबंधी गंभीर निबंध संकलित हैं। इसके अतिरिक्त 'हिन्दी साहित्य का इतिहास', 'रस मीमांसा', 'त्रिवेणी' आदि इनकी अन्य महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं।
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