Question:

'कर्तृवाच्य' में प्रधानता होती है 
 

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वाच्य को पहचानने के लिए, क्रिया का लिंग और वचन बदलकर देखें। यदि क्रिया कर्ता के अनुसार बदलती है, तो कर्तृवाच्य है। यदि कर्म के अनुसार बदलती है, तो कर्मवाच्य है।
Updated On: Nov 10, 2025
  • क्रिया की
  • विशेषण की
  • कर्ता की
  • कर्म की
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Question
प्रश्न में पूछा गया है कि कर्तृवाच्य (Active Voice) में किसकी प्रधानता होती है।
Step 2: Key Concept
वाच्य क्रिया का वह रूप है जिससे यह पता चलता है कि वाक्य में क्रिया का मुख्य विषय कर्ता, कर्म या भाव में से कौन है। वाच्य के तीन भेद हैं:
कर्तृवाच्य: जिसमें कर्ता की प्रधानता होती है और क्रिया का लिंग-वचन कर्ता के अनुसार होता है।
कर्मवाच्य: जिसमें कर्म की प्रधानता होती है और क्रिया का लिंग-वचन कर्म के अनुसार होता है।
भाववाच्य: जिसमें भाव की प्रधानता होती है और क्रिया सदैव पुल्लिंग, एकवचन में रहती है।
Step 3: Detailed Explanation
'कर्तृवाच्य' के नाम से ही स्पष्ट है 'कर्तृ' अर्थात् 'कर्ता'। इस वाच्य में वाक्य का केंद्रबिंदु कर्ता होता है। क्रिया का रूप कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार ही परिवर्तित होता है।
उदाहरण: राम पुस्तक पढ़ता है। (कर्ता 'राम' पुल्लिंग, एकवचन है, इसलिए क्रिया 'पढ़ता है' भी पुल्लिंग, एकवचन है।)
सीता पुस्तक पढ़ती है। (कर्ता 'सीता' स्त्रीलिंग, एकवचन होने पर क्रिया 'पढ़ती है' हो गई।)
Step 4: Final Answer
अतः, 'कर्तृवाच्य' में कर्ता की प्रधानता होती है। सही उत्तर (C) है।
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