निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
डिजिटल अरेस्ट (केंद्रीय मनोवैज्ञानिक भयादोहन - ब्लैकमेल) का सबसे नया तरीका है। इसमें साइबर अपराधी तकनीक की मदद से लोगों को कैदी बनाने लगे हैं। वे आपकी निजी जानकारी हासिल कर या किसी झूठे मामले का ज़िक्र कर आपको इस बुरी तरह से ब्लैकमेल करते हैं कि आप अपनी सहज-विवेक शक्ति ही भुला बैठते हैं। मनुष्य के मन पर क़ब्ज़ा इस अपराध का सबसे प्रबल पक्ष है।
आज के समय में किशोर से लेकर वृद्ध तक, हर कोई डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर रहा है। इसीलिए साइबर अपराधियों का काम आसान हो गया है। डिजिटल केंद्र में किसी भी व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से डरा जाता है कि वह सरकारी एजेंसी के माध्यम से कैद हो गया है, उसे जुर्माना देना होगा। लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि सरकारी एजेंसियाँ ऑनलाइन तरीके से नहीं, भौतिक तरीके से ही पूछताछ करती हैं। बार-बार विभिन्न तरीकों के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जाता है कि अपने बैंक खातों की गोपनीय जानकारी या ओटीपी किसी को न दें लेकिन लोग इस ओर ध्यान न देकर ये जानकारी उन्हें सौंप देते हैं और धोखा खाते हैं।
साइबर अपराध के लिए हेल्पलाइन नंबर या ई-मेल के ज़रिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचना देकर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार ने ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए संचार सुरक्षा वेबसाइट 'साइबर पोर्टल' को लॉन्च किया गया है।
बदलते दौर में सतर्क रहने की ज़रूरत है। अगर कोई अजनबी व्यक्ति आपको व्हाट्सएप पर किसी ग्रुप में जोड़े या फेसबुक पर लालच देकर किसी पेज को पसंद करने को कहे तो ऐसा नहीं करना चाहिए। यूट्यूब पर दिए गए नंबरों पर कॉल नहीं करना चाहिए, किसी अजनान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। पैसा कमाने के शॉर्टकट तरीकों से बचना चाहिए। समय के साथ समझदारी और सतर्कता से ही इस अपराध से बचा जा सकता है।