Question:

‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे? 
 

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गाँवों में प्रकृति से जुड़ाव ही उन्हें मौसम की मार से सुरक्षित रखता है — यह सहजीविता आज के समय में सीखने योग्य है।
Updated On: Jul 24, 2025
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Solution and Explanation

‘बिस्कोहर की माटी’ में गाँव की प्रकृति ऋतु के अनुसार बदलती है। गर्मी में वहाँ की धरती तमतमाती है, धूप तेज होती है और लू चलती है।
सर्दी में खेतों पर कुहासा छा जाता है और ठंडी हवा बहती है। वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली और कीचड़ होता है।
गर्मी से बचाव के उपाय:
1. लोग अपने घरों की छतों पर फूस और मिट्टी डालते थे जिससे तापमान कम रहे।
2. नीम और पीपल के पेड़ शीतल छाया प्रदान करते थे।
3. कुएँ और तालाबों में स्नान कर शरीर को ठंडक दी जाती थी।
4. दोपहर में लोग घर से बाहर नहीं निकलते थे।
यह पाठ गाँव के पर्यावरण से जुड़ी संवेदनशीलता और प्रकृति के साथ सामंजस्य को दर्शाता है।
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