Question:

यूँ तो हरगोबिन पूरा संवाद ज्यों का त्यों सुना दिया करता था परंतु बड़ी बहुरिया के मायके में वह संवाद नहीं सुना पाया। इसके कारणों की विवेचना कीजिए। 
 

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संवेदनशील संवादों की पुनरावृत्ति में सामाजिक व व्यक्तिगत सीमाएँ लेखक बारीकी से उजागर करता है।
Updated On: Jul 24, 2025
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Solution and Explanation

संवदिया हरगोबिन का कार्य होता था मुँहजुबानी संवाद को हू-ब-हू दूसरों तक पहुँचाना। वह वर्षों से यह काम बहुत निष्ठा से करता आ रहा था। परंतु जब उसे बड़ी बहुरिया के मायके संदेश सुनाना पड़ा, तो वह असमंजस में पड़ गया।
वास्तव में, बहुरिया के पत्र में जो शब्द, भाव और भाषा थी, वह बहुत व्यक्तिगत, आत्मीय और स्त्री-सुलभ थी — जिन्हें हरगोबिन जैसे पुरुष संवदिया के लिए शब्दशः कहना कठिन था। पत्र में भावनाओं की तीव्रता, नारी-मन की व्यथा और निजी संबंधों की कोमलता थी।
हरगोबिन ने वह सब तो पढ़ा, पर वह उसे हू-ब-हू कह न सका। शायद उसमें कुछ झिझक थी, शायद वह इन कोमल भावों को सार्वजनिक रूप में दोहराना अशोभनीय मानता था।
इस प्रकार यह घटना यह दर्शाती है कि हरगोबिन के लिए भावनात्मक संवाद का यथावत संप्रेषण आसान नहीं था, खासकर जब वह स्त्री के निजी जीवन से जुड़ा हो। यह मानवीय पक्ष उसकी सीमाओं को दिखाता है।
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