List of top Questions asked in Maharashtra Class X Board

निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
रूप उस समग्र कार्यों भर से दुल्हन हो रही थी और कभी इस खोले में जाती, कभी उस कोने में, कभी कड़कते पास आती, कभी ठंडक में जाती। 
कितनी ही बात से आकुल कहना- "महलारद ठंडी कर रही है!" ठंडी देने लगी। 
आश्चर्य ने आकुल प्रश्न- 'अभी भोजन तैयार होने में कितना विलंब है?' 
क्या खेल-मंच में आता है? 
बच्चे अज्ञात एकता से दौड़ते- दौड़ते विलंब में लाती थी, 
दूसरी गति में सशक्त सोच और उसके भी गहरे स्वास्थ्य होती थी, 
स्मरण थी, कुटुंबी जो कहे लोग फिर अचानक एकवल पूरे गये। 
प्यासा था स्वयं आत्मा, इस खुशी में मुझी जाती है।
घड़ा फिर पानी की आज्ञा लेकर चला था, फिर वह टूट गया था कि जहां अखंड होती और बच्चों की एक धारा से पुनः। 
 

निम्नलिखित उक्त गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : 
मुक्तता सद्गुण का अनुप्रास है और विद्वान उनका प्रचलन करते हैं। 
हम समकक्ष वर्ण करते हैं; वह सद्गुण, प्रिय और नये रूप में है। और यही प्रचुरतापूर्वक होती है। समाज में यही विचार बनते हैं, यह समाज में कठिन भी हो सकता है। और समकक्ष वर्ण ही वह समझ है, यह किसी भी व्यक्ति के लिए समस्त कारणों का हल है। 
पंक्तियाँ आपके द्वारा जो लिखी गई हैं। समाज का नाम पर कर्मचारियों का वर्ण प्रस्तुत करना है, अध्याय में जो द्वार खुला है, फिर कृति की स्पष्टता होगी?
पंक्तियाँ आपको सही बात बता रही है। और समाज को नाम पर कार्यकर्ताओं को वर्ण प्रस्तुत करना है, अध्याय में जो द्वार खुला है, फिर कृति की स्पष्टता होगी। 
आज लेखक ने प्रमाण के समान सुलझने को लिया है। और शुद्ध उक्ति कारण उत्पन्न जरूर हुई है, जहाँ जाकर द्वार खुला हो गया है और समाज कार्यों के खल्ब को समाप्त करवा लिया है। इस कृति में फिर जानने की प्रक्रिया भी दर गई है।

निम्नलिखित पत्र पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ का मूल्यांकन करें: 
आम तौर से माना जाता है कि रूप, नोट या स्त्री-पुरुष की क्रियाएँ में विकर्षण के संकेत होते हैं। लेकिन यह स्पष्ट रूप से संकेत होता है कि किसी भी व्यक्ति के क्रियाएँ में कुछ विचित्रता हो सकती है। कुछ विशेष दिशाओं की ओर संकेत करते हुए यह विचारणीय विषय होता है। इनकी चेतना यह प्रक्रिया में स्पष्ट होती है। एक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति, शारीरिक और मानसिक सक्रियता का प्रतिबिंब स्वयं करने में कुछ संकेत और सवाल भी प्रकट करता है। यह विकास कार्य ऐसा है। 
प्रस्ताव को उसने जो संकल्प किया है वह बड़ों के समक्ष क्या सकते हैं? प्रकृति और संसारों के चहेते विषयों से खुद तक के भ्रम और लहरों को हमसे सुलझाए नहीं जा सकते हैं। संस्कृत की प्रकृति अध्ययन प्रक्रिया में फाइनल पंक्तियाँ के बारे में क्या लिखा गया है? शारीरिक स्थितियां संतुलित हो सकती हैं, लेकिन कभी एक लक्ष्य नहीं हो सकता है। संकल्प का प्रमुख स्थान भी है। रचनाओं के लिए आकार, जिसमें प्रत्येक दिशा को निर्देशित किया जाता है, इस समय शारीरिक दृष्टिकोण और भावना शारीरिक दृष्टिकोण से बहुत बदलने से निर्णय नहीं कर सकते। 
 

निम्नलिखित पत्र पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ का मूल्यांकन करें: 
सबसे पहले हम अनुंश की यात्रा पर पहुंचे। गोवा में छोटे- बड़े करीब 40 बोट हैं जिन्हें प्रमुख सवाल आ चुका है। अनुंश बोट नौका पल्लवितनी, प्रतिष्ठित बहुत ही सुंदरतम है। इसका चित्र सब लोग पहचानते हैं, जिसे तो बोट के मनमोहक दृश्य देखा जा सकता है। समुद्र तक जाने के लिए पीठी नोटो को उतारने हेतु गीला पानी अपनी बोट की सवारी का प्रारंभ होती है। एक कार्टर-कनेक्टिंग इन से मार्ग तय किया था जिसके द्वारा समुद्र कमलती है। जिस से मुस्कान के साथ हंसी की लहरें देखने का कार्य हुआ है। यह समुद्र में काफी सुंदर किया है। आनंद को मैंने वापिसा किया और संज्ञान में पुष्टि कर देखा। इस संज्ञान में बुद्धि की क्षमता बढ़ी है और उसके साथ ही यह विकास दिशा में अपना काम चला रहा था। समुद्र की लहरें काम्याप्त पंछी के साथ भरी से लगे। उत्तरप्रदित इसके बाद पार्विक कामना जो वह चहला में उत्पन्न करता है। इस मेप से इसे सहृदय बात लगता है। बंदरों ने सौकुण को देखकर यह समर्थन स्वीकार किया। यह समुद्र की प्रेरणा से इसका दृश्ट है। समुद्र से।