Comprehension

निम्नलिखित उक्त गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : 
मुक्तता सद्गुण का अनुप्रास है और विद्वान उनका प्रचलन करते हैं। 
हम समकक्ष वर्ण करते हैं; वह सद्गुण, प्रिय और नये रूप में है। और यही प्रचुरतापूर्वक होती है। समाज में यही विचार बनते हैं, यह समाज में कठिन भी हो सकता है। और समकक्ष वर्ण ही वह समझ है, यह किसी भी व्यक्ति के लिए समस्त कारणों का हल है। 
पंक्तियाँ आपके द्वारा जो लिखी गई हैं। समाज का नाम पर कर्मचारियों का वर्ण प्रस्तुत करना है, अध्याय में जो द्वार खुला है, फिर कृति की स्पष्टता होगी?
पंक्तियाँ आपको सही बात बता रही है। और समाज को नाम पर कार्यकर्ताओं को वर्ण प्रस्तुत करना है, अध्याय में जो द्वार खुला है, फिर कृति की स्पष्टता होगी। 
आज लेखक ने प्रमाण के समान सुलझने को लिया है। और शुद्ध उक्ति कारण उत्पन्न जरूर हुई है, जहाँ जाकर द्वार खुला हो गया है और समाज कार्यों के खल्ब को समाप्त करवा लिया है। इस कृति में फिर जानने की प्रक्रिया भी दर गई है।

Question: 1

मंजल पूर्ण कीजिए: 
समकक्ष वाणी की विशेषताएँ: 
 

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समकक्ष वाणी का उद्देश्य समाज में समान विचारधारा और सुधार की प्रक्रिया को बढ़ावा देना होता है, जिससे समाज की स्थिति में सुधार हो।
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Solution and Explanation

Step 1: समकक्ष वाणी की विशेषताएँ
समकक्ष वाणी वह वाणी है जो समाज में समान विचारधारा को उत्पन्न करती है। यह वाणी शुद्ध और स्पष्ट होती है, और इसका उद्देश्य समाज को जागरूक करना होता है। समकक्ष वाणी की विशेषताएँ निम्नलिखित हो सकती हैं:
- यह समाज में सहमति उत्पन्न करती है।
- इसके माध्यम से सामाजिक विचारों में बदलाव आता है।
- यह साधारण और सीधी भाषा में प्रस्तुत होती है।
- समकक्ष वाणी से समाज में बदलाव और सुधार की प्रक्रिया शुरू होती है।

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Question: 2

बाणों: मनुष्य को प्राप्त सद्गति' इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। 
 

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सद्गति प्राप्त करने के लिए न केवल बाहरी संघर्ष, बल्कि आंतरिक शांति और संतुलन भी जरूरी है। सफलता एक यात्रा है, और हर कदम से हम कुछ न कुछ सीखते हैं।
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Solution and Explanation

Step 1: सद्गति का महत्व
मनुष्य के जीवन में सद्गति का अत्यधिक महत्व है। सद्गति के लिए व्यक्ति को सत्य, ईमानदारी, और कठोर परिश्रम जैसे गुणों को अपनाना होता है। यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाता है और व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है। सद्गति केवल एक आत्मिक उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक जिम्मेदारी भी है।

Step 2: बाणों का प्रतीकात्मक अर्थ
यह कहा जाता है कि "बाण" जीवन के संघर्ष और कठिनाइयों का प्रतीक होते हैं। बाणों से सही दिशा में लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। जैसे बाण अपने निशाने पर लगते हैं, वैसे ही जीवन में सही मार्गदर्शन और उद्देश्य से ही सफलता प्राप्त होती है। व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम और साहस की आवश्यकता होती है।

Step 3: निष्कर्ष
इस प्रकार, बाणों के माध्यम से मनुष्य को सद्गति प्राप्त करने के लिए जीवन में कठिनाइयों और संघर्षों से गुजरना होता है, लेकिन इन संघर्षों से ही वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। यह सिद्ध करता है कि सद्गति प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक प्रयासों की आवश्यकता होती है।

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