निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
रूप उस समग्र कार्यों भर से दुल्हन हो रही थी और कभी इस खोले में जाती, कभी उस कोने में, कभी कड़कते पास आती, कभी ठंडक में जाती।
कितनी ही बात से आकुल कहना- "महलारद ठंडी कर रही है!" ठंडी देने लगी।
आश्चर्य ने आकुल प्रश्न- 'अभी भोजन तैयार होने में कितना विलंब है?'
क्या खेल-मंच में आता है?
बच्चे अज्ञात एकता से दौड़ते- दौड़ते विलंब में लाती थी,
दूसरी गति में सशक्त सोच और उसके भी गहरे स्वास्थ्य होती थी,
स्मरण थी, कुटुंबी जो कहे लोग फिर अचानक एकवल पूरे गये।
प्यासा था स्वयं आत्मा, इस खुशी में मुझी जाती है।
घड़ा फिर पानी की आज्ञा लेकर चला था, फिर वह टूट गया था कि जहां अखंड होती और बच्चों की एक धारा से पुनः।
संजाल पूर्ण कीजिए:
कार्यभार के कारण हुई रूप की भाग-दौड़
Step 1: कार्यभार के कारण रूप की भाग-दौड़
इस सवाल में रूप की भाग-दौड़ को कार्यों के कारण व्यक्त किया गया है। रूप उन कार्यों के कारण भागदौड़ करती है, जो उसकी जिम्मेदारियाँ और उसकी भूमिका से संबंधित हैं। यह उसे बहुत सारे कार्यों में व्यस्त कर देता है, जिससे कभी वह तनाव में होती है और कभी आराम करती है।
Step 2: मुख्य विचार
यह दिखाता है कि जब किसी व्यक्ति पर कार्यभार बढ़ जाता है, तो वह अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति को संतुलित करने के लिए भाग-दौड़ करता है। यह दृषटिकोन जीवन की कठिनाईयों और जिम्मेदारियों को दिखाता है। इस संदर्भ में रूप की स्थिति और उसकी मानसिक स्थिति का प्रकट होना महत्वपूर्ण है।
कर्तव्यनिष्ठा और कार्यपूर्ति' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
Step 1: कर्तव्यनिष्ठा का महत्व
कर्तव्यनिष्ठा का अर्थ है अपने कार्यों को जिम्मेदारी से करना। जब हम अपने कार्यों में ईमानदारी और समर्पण दिखाते हैं, तो हम कर्तव्यनिष्ठ होते हैं। यह गुण जीवन को व्यवस्थित और जिम्मेदार बनाता है। एक व्यक्ति जो कर्तव्यनिष्ठ होता है, वह न केवल अपने काम को बेहतर तरीके से करता है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझता है।
Step 2: कार्यपूर्ति का महत्व
कार्यपूर्ति का मतलब है अपने कार्यों को समय पर पूरा करना। यह सफलता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि कार्य को पूरा करने से आत्मविश्वास और संतुष्टि मिलती है। कार्यों की पूरी होने से समाज और व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। कार्यपूर्ति से एक व्यक्ति के जीवन में न केवल प्रगति होती है, बल्कि यह उसके सम्मान और प्रतिष्ठा को भी बढ़ाता है।
Step 3: निष्कर्ष
कर्तव्यनिष्ठा और कार्यपूर्ति दोनों ही जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। जब इन दोनों गुणों को एक साथ अपनाया जाता है, तो व्यक्ति न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में बल्कि समाज में भी एक आदर्श बन जाता है।
‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे?
‘अपना मालवा खाऊँ–उजाऊ सभ्यता में.....’ पाठ में विक्रमादित्य, भोज और मुँज आदि राजाओं का उल्लेख किस संदर्भ में आया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता का कवि क्या तोड़ने की बात करता है और क्यों?
“इसी तरह भरता और खाली होता है यह शहर” पंक्ति के संदर्भ में बनारस शहर के ‘भरने’ और ‘खाली’ होने से क्या अभिप्राय है?
“मैंने निज दुर्बल पद-बल, उससे हारी होड़ लगाई” ‘देवसेना का गीत’ से उद्धृत इस पंक्ति से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?