निम्नलिखित में से किसी एक क्रिया का प्रथम तथा द्वितीयक प्रेरणात्मक रूप लिखिए:
\[\begin{array}{|c|c|c|} \hline \textbf{क्रिया} & \textbf{प्रथम प्रेरणात्मक रूप} & \textbf{द्वितीयक प्रेरणात्मक रूप} \\ \hline \text{खाना} & \text{खा} & \text{खाय} \\ \hline \text{पलटना} & \text{पलट} & \text{पलट} \\ \hline \end{array}\]
Step 1: 'खाना' क्रिया का प्रथम और द्वितीयक प्रेरणात्मक रूप
- खाना क्रिया का प्रथम प्रेरणात्मक रूप है खा, जो क्रिया की शुरुआत को दर्शाता है।
- द्वितीयक प्रेरणात्मक रूप है खाय, जो विशेषत: अनुष्ठान या आदेशात्मक भाव व्यक्त करता है।
Step 2: 'पलटना' क्रिया का प्रेरणात्मक रूप
- पलटना क्रिया का प्रथम प्रेरणात्मक रूप है पलट, जो सामान्य रूप में क्रिया की शुरुआत या क्रियात्मकता को दिखाता है।
- द्वितीयक प्रेरणात्मक रूप भी पल है, क्योंकि यह भी विशेष प्रकार की स्थिति को व्यक्त करता है।
मेरे दरजे में आओगे, तो दोपहर पसीना आ जाएगा। (सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए।)
एक ललित निबंध लिखो जो चार पंक्तियों से कम न हो। (संग पदवृत्त छाँटकर लिखिए।)
निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) मुँह लाल होना
(ii) टाँग अड़ाना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(तिलमिला जाना, काँप उठना)
पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही \underline{क्रोध में आ गए}।
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) लक्ष्मी का एक झूब्बेदार पूँछ था।
(ii) घर में तख्ते के रखे जाने का आवाज आता है।
(iii) सामने शेर देखकर यात्री का प्राण मानो मुरझा गया।
निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
(1) मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा। (विधानार्थक वाक्य)
(2) मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)