निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
दूर धुँध छाई दृश्य सुहानी।
बड़े पहाड़ों जन बड़े समुंदर।
नव पलतें भर दैवीं अनेकों।
साकार मन जब मिटते डिकवाले।
अर्के-जहां पार बिन्दू भ्रमण।
जब सृजन भी और उत्थान भाग्य।
खोजना कर्मों में न सही कड़ा करें।
जिसमें प्रभु संबंध दुरी।
संग संबन्ध बहुत यकीन।
अवसर की संगत की संज्ञा जैसी।
संपत्ति संगठित सोच सभीं।
जिसमें दिशा दृष्टियता विवेक है।
विभिन्न कृतियाँ संकृमित प्रकृति।
जिसमें बहुत तरह सस्वर विस्तार।
जहांं-जहांँ रहे पंक्ति दृढ माना।
जिसे इंदिरा मन उपये सृजन।
निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(i) कलयुग आने से
(ii) सुराज होने से
(iii) बरसात के आने से
(iv) क्रोध के आने से
Step 1: कलयुग आने से
कलयुग के आने से समाज में अराजकता और असमंजस बढ़ जाता है। यह युग में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का ह्रास होता है। समृद्धि की कमी और भ्रष्टाचार का प्रसार होता है।
Step 2: सुराज होने से
सुराज का मतलब है ऐसा शासन जिसमें जनता के हितों की रक्षा होती है, भ्रष्टाचार कम होता है और न्याय की प्रक्रिया सही ढंग से चलती है। सुराज होने से समाज में शांति और समृद्धि आती है।
Step 3: बरसात के आने से
बरसात के आने से कृषि कार्य में वृद्धि होती है, जल स्रोतों की आपूर्ति होती है और पर्यावरण में ताजगी आती है। यह फसलों के लिए उपयुक्त समय होता है।
Step 4: क्रोध के आने से
क्रोध के आने से रिश्तों में तनाव उत्पन्न होता है, मानसिक शांति नष्ट होती है, और निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है। इससे किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता।
पदांश से देखकर लिखिए:
(i) ऐसे दो शब्द जिनका रूप परिवर्तन से रूप नहीं बदलता:
(1) ...............................
(2) ...............................
(ii) ऐसे शब्द जिनका अर्थ निम्न शब्द हैं:
(1) मँड़क = ...............................
(2) वृक्ष = ...............................
Step 1: ऐसे दो शब्द जिनका रूप परिवर्तन से रूप नहीं बदलता
यह वे शब्द होते हैं जिनमें रूप परिवर्तन करने से उनका रूप नहीं बदलता, जैसे:
- पानी (जो शब्द का रूप नहीं बदलता)
- बच्चा (जो शुद्ध रूप में बना रहता है)
Step 2: ऐसे शब्द जिनका अर्थ निम्न शब्द हैं
इन शब्दों के अर्थ को हम निम्नलिखित शब्दों के साथ जोड़ सकते हैं:
- मँड़क: मेंढ़क (जैसे 'मँड़क' का अर्थ 'मेंढ़क' से लिया जा सकता है)
- वृक्ष: पेड़ (यह शब्द वृक्ष के पर्यायवाची शब्द के रूप में आता है)
उपर्युक्त पदांश को पढ़कर चार पंक्तियों का सार अर्थ लिखिए।
Step 1: सार का अर्थ
पदांश में जो विचार प्रस्तुत किए गए हैं, उनका सार यह है कि जीवन में हर परिस्थिति से जूझते हुए हमें अपनी मंजिल तक पहुँचना होता है। यह संघर्ष, परिश्रम, और सामर्थ्य का परिचायक है। इस विचार में यह बताया गया है कि जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन यह हमें मजबूत और सक्षम बनाती हैं। व्यक्ति को न केवल बाहरी संघर्षों का सामना करना पड़ता है, बल्कि आंतरिक संघर्षों से भी जूझना पड़ता है।
Step 2: सारांश
इस पदांश का सार यह है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए श्रम और संघर्ष की आवश्यकता होती है। कोई भी सफलता बिना परिश्रम और कड़ी मेहनत के प्राप्त नहीं होती। आंतरिक और बाहरी संघर्षों से व्यक्ति को गुजरना पड़ता है, लेकिन यह संघर्ष उसे मंजिल तक पहुँचाता है।
‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे?
‘अपना मालवा खाऊँ–उजाऊ सभ्यता में.....’ पाठ में विक्रमादित्य, भोज और मुँज आदि राजाओं का उल्लेख किस संदर्भ में आया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता का कवि क्या तोड़ने की बात करता है और क्यों?
“इसी तरह भरता और खाली होता है यह शहर” पंक्ति के संदर्भ में बनारस शहर के ‘भरने’ और ‘खाली’ होने से क्या अभिप्राय है?
“मैंने निज दुर्बल पद-बल, उससे हारी होड़ लगाई” ‘देवसेना का गीत’ से उद्धृत इस पंक्ति से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?