List of practice Questions

ये लोग आधुनिक भारत के नए ‘शरणार्थी’ हैं, जिन्हें औद्योगीकरण के झंझावात ने अपने घर-ज़मीन से 
उखाड़कर हमेशा के लिए विस्थापित कर दिया है। 
प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है। 
बाढ़ या भूकंप के कारण जो लोग एक बार अपने स्थान से बाहर निकलते हैं, वे जब स्थिति टलती है तो वे दोबारा अपने 
जन्म-भूमीय परिवेश में लौट भी आते हैं। 
किन्तु विकास और प्रगति के नाम पर जब इतिहास लोगों को जड़मूल सहित उखाड़ता है, तो वे अपनी ज़मीन पर 
वापस नहीं लौट पाते। 
उनका विस्थापन एक स्थायी विस्थापन बन जाता है। 
ऐसे लोग न सिर्फ भौगोलिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी नहीं उखड़ते, बल्कि उसका सामाजिक और 
आवासीय स्तर भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।