Question:

‘संवदिया’ कहानी में रेणु जी ने बड़ी बुढ़िया की पीड़ा को संवदिया के माध्यम से पूरी सहानुभूति प्रदान की है। पुष्टि कीजिए। 
 

Show Hint

रेणु जी की लेखनी ‘संवदिया’ जैसे पात्रों के माध्यम से न केवल दर्द दिखाती है, बल्कि उसे आत्मा में अनुभव कराती है।
Updated On: Jul 18, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

‘संवदिया’ कहानी में फणीश्वरनाथ रेणु जी ने लोकसंवेदना को अत्यंत सशक्त ढंग से प्रस्तुत किया है।
कहानी की सबसे करुणामयी पात्र — बड़ी बुढ़िया — एकदम अकेली, उपेक्षित और जीवन से हारी हुई प्रतीत होती है।
उसकी पीड़ा कोई केवल शारीरिक नहीं, बल्कि सामाजिक तिरस्कार और उपेक्षा से उपजी हुई है।
रेणु जी ने इस पीड़ा को दर्शाने के लिए 'संवदिया' पात्र को माध्यम बनाया है।
संवदिया न केवल गीत गाता है, बल्कि अपनी करुण-ध्वनि से बुढ़िया के जीवन के अंतिम क्षणों को सांत्वना देता है।
बुढ़िया की मौत केवल एक वृद्धा की मृत्यु नहीं, बल्कि लोक की उस चुप पीड़ा का प्रतीक बन जाती है जिसे कोई नहीं सुनता।
रेणु का संवदिया केवल एक गायक नहीं, एक संवेदनशील मानव है जो पीड़ा को महसूस करता है, और उसे स्वर देता है।
यह पूरी घटना मानवीय करुणा, ग्रामीण संस्कृति और लेखकीय संवेदना का मिलाजुला दस्तावेज़ है।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on हिंदी साहित्य

View More Questions