Comprehension

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

अरुण यह मधुमय देश हमारा!
जहाँ पहुँच अनजान विभूतियों को मिलता एक सहारा!
सरस तामरस गर्भ विभा पर — नाच रही तरलिमा मनोहर!
हिल रहा जीवन हरित भूमि पर — मंगल कुंभों सा तारा!
लघु सुरभु से पंक प्रसून — शीतल मलय समीर सहारा!
‘उड़ते ध्वज’ नभ बीच विकल — सजीव नीड़ निज प्यारा!

Question: 1

काव्यांश में किसका वर्णन किया गया है?

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जब कविता में शब्द जैसे 'मधुमय', 'तामरस', 'हरित भूमि', 'समीर' जैसे प्राकृतिक संकेत हों — तो उत्तर में प्राकृतिक सौंदर्य की ओर संकेत करें।
Updated On: Jul 18, 2025
  • भारत भूमि की प्राकृतिक सुंदरता का
  • भारत के गौरवशाली अतीत का
  • आकाशगामी उड़ते हुए पक्षियों का
  • उदित होते सूर्य की रश्मि-विभा किरणों का
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

इस काव्यांश में कवि भारतवर्ष की भूमि को अत्यंत मधुर, मधुमय और सुंदर बताते हैं।
‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’ — यह पंक्ति भारत देश की प्राचीनता, सुंदरता और अलौकिक भाव को दर्शाती है।
यहाँ पर 'अरुण' शब्द सूर्य की आभा और ऊषा की लालिमा को दर्शाता है, जिससे भूमि का सौंदर्य और अधिक निखरता है।
‘जहाँ पहुँच अनजान विभूतियों को मिलता एक सहारा’ — यह पंक्ति यह भी दर्शाती है कि यह देश केवल भौगोलिक सुंदरता में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों में भी समृद्ध है।
‘सरस तामरस’, ‘हरित भूमि’, ‘शीतल मलय समीर’, ‘मंगल कुंभों सा तारा’ — ये सभी प्रकृति के रमणीय पक्ष को व्यक्त करने वाले बिम्ब हैं।
इन बिम्बों में जल, वायु, पुष्प, और आकाश के सौंदर्य का समावेश है, जो भारत की प्राकृतिक संपन्नता को रेखांकित करते हैं।
इसलिए यह स्पष्ट है कि इस काव्यांश में भारत भूमि की प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन किया गया है।
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Question: 2

‘उड़ते ध्वज’ प्रतीक है :

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रूपक और प्रतीक कविता में गहराई लाते हैं — ‘उड़ते ध्वज’ जैसे शब्द जब उड़ान और घर वापसी से जुड़े हों, तो प्रवासी पक्षी समझें।
Updated On: Jul 18, 2025
  • प्रवासी पक्षी
  • शरणार्थी
  • आकाश में उड़ते बनने वाले पक्षी
  • गतिशील मन
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

‘उड़ते ध्वज’ शब्द समूह प्रतीकात्मक भाषा का एक सुंदर उदाहरण है।
यह कोई सामान्य ध्वज नहीं, बल्कि एक रूपक है जो विशेष अर्थ लिए हुए है।
ध्वज जो हवा में लहराते हैं, उनकी गति, दिशा और ऊँचाई प्रवासी पक्षियों की उड़ान से मेल खाती है।
‘उड़ते ध्वज नभ बीच विकल’ — इस पंक्ति में कवि पक्षियों के आकाश में उड़ते झुंड की कल्पना कर रहे हैं जो मानो ध्वज की भांति स्वतंत्रता, गति और जीवन के प्रतीक हैं।
ये पक्षी अपने नीड़ (घोंसले) की ओर लौट रहे हैं — यह संकेत देता है उनके घर वापसी की ओर।
‘सजीव नीड़ निज प्यारा’ से यह स्पष्ट होता है कि कवि पक्षियों की वापसी यात्रा को रोमांचक और भावुक रूप से देख रहे हैं।
इसलिए यह प्रतीक ‘प्रवासी पक्षी’ के लिए प्रयुक्त हुआ है, न कि केवल किसी भी पक्षी के लिए।
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Question: 3

तरलिमा कहाँ नृत्य कर रही है ?

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‘सरस’ + ‘तामरस’ = जल + कमल;
‘तरलिमा’ = प्रकाश की लहरें;
तीनों का संयोजन = तालाब में खिली कमलिनी पर नृत्य करती रोशनी।
Updated On: Jul 18, 2025
  • घास के हरे-भरे मैदान पर
  • पेड़ की हरी-भरी चोटियों पर
  • तालाब में खिली कमलिनी पर
  • मैदान में खिली फूलों पर
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

‘सरस तामरस गर्भ विभा पर — नाच रही तरलिमा मनोहर’ — यह पंक्ति जल की सतह पर नाचती हुई प्रकाश तरंगों को दर्शाती है।
‘सरस’ का अर्थ है — जलयुक्त अथवा तालाब। ‘तामरस’ का अर्थ है — कमल।
‘गर्भ विभा’ का अर्थ है — भीतर से प्रकाशित ज्योति। इसका तात्पर्य है कि जल की सतह पर प्रकाश की किरणें बिखर रही हैं।
‘तरलिमा’ शब्द जल की पारदर्शिता और उसमें नाचती हुई प्रकाश तरंगों को दर्शाता है।
इन सबको जोड़ें तो यह स्पष्ट होता है कि जल (तालाब) में खिले कमल के ऊपर प्रकाश की लहरें नाच रही हैं।
इसलिए ‘तरलिमा’ का नृत्य तालाब की सतह पर स्थित कमलिनी पर है — न कि किसी मैदान, वृक्ष या अन्य स्थान पर।
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Question: 4

निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए :
कथन : भारत भूमि पर अजनबी लोगों को भी आश्रय मिल जाता है।
कारण : अजनबियों को सहारा देना और अपनाना भारत की विशेषता है।

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यदि कथन और कारण दोनों सत्य हों, और कारण कथन की व्याख्या करता हो, तो उत्तर हमेशा (C) होता है। ध्यान से विचार करें कि क्या कारण कथन से सीधे जुड़ा है।
Updated On: Jul 18, 2025
  • कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
  • कथन और कारण दोनों गलत हैं।
  • कथन सही है और कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
  • कथन सही है, किंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

कविता की पहली ही पंक्तियाँ — “अरुण यह मधुमय देश हमारा!
जहाँ पहुँच अनजान विभूतियों को मिलता एक सहारा!” — स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि भारतवर्ष एक ऐसा देश है जहाँ
कोई भी नया व्यक्ति, चाहे वह अपरिचित हो या विदेशी, उसे अपनापन और सहारा प्राप्त होता है।
यह कथन बिलकुल सही है क्योंकि भारत की परंपरा ‘अतिथि देवो भवः’ की रही है, जहाँ आने वाले किसी भी व्यक्ति
का स्वागत किया जाता है। भारत ने न केवल अपने नागरिकों बल्कि शरणार्थियों को भी ऐतिहासिक रूप से शरण दी है।
कारण भी इसी कथन की पुष्टि करता है कि अजनबियों को सहारा देना और अपनाना भारत की संस्कृति का
महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इस प्रकार कारण भी सत्य है और कथन की उचित व्याख्या करता है।
अतः दोनों — कथन और कारण — न केवल सही हैं, बल्कि कारण कथन को पूरी तरह स्पष्ट करता है।
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Question: 5

कवि ने भारत भूमि को ‘मधुमय’ क्यों कहा है?

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‘मधुमय’ का तात्पर्य केवल प्राकृतिक सुंदरता से नहीं होता, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक मिठास से होता है — जैसे प्रेम, सौहार्द और आत्मीयता।
Updated On: Jul 18, 2025
  • भारत में पाए जाने वाली सबसे मधुर सभ्यताओं के कारण
  • देश के प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण होने के कारण
  • देश में बहने वाली मदिराती नदियों के कारण
  • प्रेम और माधुर्य से परिपूर्ण भारतीयों के कारण
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

कविता की प्रथम पंक्ति — “अरुण यह मधुमय देश हमारा!” — भारत देश को ‘मधुमय’ यानी मधुर, आनंदपूर्ण और
सौंदर्य-सम्पन्न बताती है।
यह मधुमयता केवल भौगोलिक या भौतिक संसाधनों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा
और यहाँ के निवासियों के व्यवहार से जुड़ी हुई है।
‘मधुमय’ शब्द यहाँ प्रतीक है प्रेम, सौहार्द, अपनत्व और सहनशीलता का। कवि यह दर्शाना चाहता है कि
भारतवासियों के अंदर जो आत्मीयता, प्रेम और करुणा है, वही इस देश को मधुर और आनंदमय बनाती है।
यह वह भूमि है जहाँ अजनबियों को अपनाया जाता है, जहाँ सहिष्णुता और उदारता सर्वोपरि हैं।
अतः कवि ने ‘मधुमय’ शब्द का प्रयोग भारत के नागरिकों के प्रेम, मधुरता और गरिमा को व्यक्त करने के लिए किया है।
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