List of practice Questions

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
वाणी ईश्वर द्वारा मनुष्य को दी गई एक बड़ी देन है। वह मनुष्य
के चिंतन का फलित है और उसका साधन भी। चिंतन के बगैर वाणी
नहीं और वाणी के बगैर चिंतन नहीं और दोनों के बगैर मनुष्य नहीं।
मनुष्य के जीवन का समाधान वाणी के संयम और उसके सदुपयोग
पर निर्भर है। मनुष्य के सारे चिंतनशास्त्र वाणी पर आधारित हैं। दर्शनों
का सारा प्रयास विचारों को वाणी में ठीक-से पेश करने के लिए रहा
है। वाणी विचार का शरीर ही है। कोई खास विचार किसी खास शब्द
में ही समाता है। इसलिए गंभीर चिंतन करने वाले निश्चित वाणी की
खोज करते रहते हैं।
पतंजलि के बारे में कहते हैं कि उसने चित्तशुद्धि के लिए योगसूत्र
लिखे, शरीरशुद्धि के लिए वैद्यक लिखा और वाक्शुद्धि के लिए व्याकरण
महाभाष्य लिखा।