निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : मानव मन सदा से ही अज्ञात के रहस्यों को खोलने और जानने-समझने को उत्सुक रहा है। जहाँ तक वह नहीं पहुँच सकता था, वहाँ वह कल्पना के पंखों पर उड़कर पहुँचा । उसकी अनगढ़ और अविश्वसनीय कथाएँ उसे सत्य के निकट पहुँचाने में प्रेरणा-शक्ति का काम करती रहीं । अन्तरिक्ष युग का सूत्रपात 4 अक्टूबर, 1957 को हुआ था, जब सोवियत रूस ने अपना पहला स्पुतनिक छोड़ा । प्रथम अन्तरिक्ष यात्री बनने का गौरव यूरी गागरिन को प्राप्त हुआ । अन्तरिक्ष युग के आरम्भ के ठीक 11 वर्ष 9 माह 17 दिन बाद चन्द्रतल पर मानव उतर गया ।