निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए —
सिमटा पंख साँझ की लालि
जा बैठी अब तक शाखों पर
ताम्रपर्ण पीपल से, श्याममुख
झरते चंचल स्वर्णिम निर्झर !
ज्योति रश्मि-सा धंध सरिता में
सूर्य निमित्त हुए होता ओझल,
बुद्धि बिन्धा विश्रान्त केतकी-सा
लगता वितस्क्रमा गंगाजल !
धूपछाँह के रंग की रति
अमित ज्योतिर्मयी से संपृक्त
नील लहरियों में लोचित
पीला जल जल जलद से विभक्त !
सिक्तता, सशिल, समीप स्रता से
स्नेह पाश में बंधे सुमृदुज्वल,
अमित पिपासित सशिल, सशिल
ज्यों गति त्रव खो बन गया लवोचल
शंख घंट उपने मंथन में
लयों में होता एक संगम,
दीप शिखा-सा उद्गार कल्पना
नभ में उठकर करता नीराजन !