Question:

निम्नलिखित संस्कृत पद्यांश का संदर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए : बन्धनं मरणं वापि जयो वापि पराजयः। उभयत्र समो वीरः वीर भावो हि वीरता।। 
 

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इस श्लोक में 'उभयत्र' का अर्थ 'दोनों ही जगह' या 'दोनों ही अवस्थाओं में' है। 'समो' का अर्थ 'समान' है। यह श्लोक गीता के समत्व-योग के सिद्धांत से प्रेरित है।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

चरण 1: संदर्भ की पहचान:
यह श्लोक वीर पुरुष के लक्षणों को परिभाषित करता है और यह उस संवाद का हिस्सा है जहाँ वीरता की प्रकृति पर चर्चा हो रही है।
चरण 2: संदर्भ लेखन:
संदर्भ: प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के संस्कृत खण्ड के 'वीरः वीरेण पूज्यते' (वीर के द्वारा वीर पूजा जाता है) नामक पाठ से उद्धृत है।
चरण 3: हिन्दी अनुवाद:
अनुवाद: बन्धन हो अथवा मरण हो, जीत हो अथवा हार हो, (इन) दोनों ही अवस्थाओं में वीर पुरुष समान रहता है। वीर के इसी भाव को ही वीरता कहते हैं।
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