Question:

दिए गए संस्कृत पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए : रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातं भास्वानुदेश्यति हसिष्यति पंकजालिः । इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे हा हन्त ! हन्त ! नालिनीं गज उज्जहार ।। 
 

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अन्योक्ति वाले श्लोकों का अनुवाद करते समय उसके शाब्दिक अर्थ के साथ-साथ व्यंग्यार्थ (छिपे हुए अर्थ) को भी समझने का प्रयास करें। यहाँ यह बताया गया है कि मनुष्य सोचता कुछ है और भाग्य की इच्छा कुछ और ही होती है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

सन्दर्भ:
प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के 'संस्कृत-परिचयिका' खण्ड में संकलित 'अन्योक्तिविलासः' नामक पाठ से उद्धृत है। इस श्लोक में कवि ने भौंरे के माध्यम से मनुष्य की आशावादी सोच और भाग्य की प्रबलता पर कटाक्ष किया है।
हिन्दी में अनुवाद:
कमल-कोष (कमल की कली) में बन्द भौंरा इस प्रकार सोच रहा था - "रात बीतेगी, सुन्दर सवेरा होगा, सूर्य उदित होगा और कमलों का समूह खिलेगा (और मैं बाहर निकल जाऊँगा)।" हाय! बड़े दुःख की बात है! जब भौंरा ऐसा सोच ही रहा था, तभी एक हाथी ने उस कमलिनी को ही उखाड़ फेंका।
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