Comprehension

निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित दिए गए तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:रानी मैं जानी अजानी महा, पबि-पाहन हूँ ते कठोर हियो है । 
राजहुँ काजु अकाजु न जान्यो, कह्यो तियको जेहिं कान कियो है ।। 
ऐसी मनोहर मूरति ए, बिछुरे कैसे प्रीतम लोगु जियो है । 
आँखिन में सखि राखिबो जोगु, इन्हें किमि कै वनवास दियो है ।। 
 

Question: 1

उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।

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संदर्भ लिखते समय कवि का नाम (गोस्वामी तुलसीदास), कविता का शीर्षक (वन पथ पर) और मूल ग्रन्थ (कवितावली) का उल्लेख करने से उत्तर अधिक प्रभावशाली बनता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

सन्दर्भ:
प्रस्तुत पद्यांश गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित 'कवितावली' से हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के काव्य-खण्ड में संकलित 'वन पथ पर' शीर्षक कविता से उद्धृत है।
इस अंश में, वन के मार्ग में ग्रामीण स्त्रियाँ राम, लक्ष्मण और सीता की मनोहर मूर्ति को देखकर रानी कैकेयी और राजा दशरथ की निष्ठुरता पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं।
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Question: 2

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(नोट: चूँकि कोई अंश रेखांकित नहीं है, हम अंतिम पंक्ति की व्याख्या करेंगे: "आँखिन में सखि राखिबो जोगु, इन्हें किमि कै वनवास दियो है ।।")

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काव्यांश की व्याख्या करते समय सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें। कोष्ठक में कठिन शब्दों का अर्थ लिखने से व्याख्या और भी स्पष्ट हो जाती है।
Updated On: Nov 11, 2025
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रेखांकित अंश की व्याख्या:
वन मार्ग में राम, लक्ष्मण और सीता के सौन्दर्य को देखकर एक ग्राम-वधू अपनी सखी से कहती है, "हे सखी! ये तीनों राजकुमार तो इतने सुन्दर हैं कि इन्हें तो आँखों में बसाकर रखने योग्य हैं (अर्थात् इन्हें हर समय देखते रहने का मन करता है)।"
वह आश्चर्य और दुःख के साथ कहती है कि "ऐसे मनमोहक और कोमल कुमारों को किस प्रकार (किमि कै) वनवास दे दिया गया है? इन्हें वनवास देने वाले का हृदय कितना कठोर होगा!"
इस पंक्ति में ग्राम-वधुओं का राम, लक्ष्मण और सीता के प्रति अगाध स्नेह और उनके वनवास पर गहरा दुःख व्यक्त हुआ है।
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Question: 3

पद्यांश में 'ऐसी मनोहर मूरति ए' किसके लिए प्रयुक्त है तथा इसमें कौन-सा अलङ्कार है ?

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जब किसी पद में उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, तो वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है। यहाँ हृदय को पत्थर से भी कठोर बताकर उसकी कठोरता की अधिकता दिखाई गई है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

किसके लिए प्रयुक्त:
पद्यांश में 'ऐसी मनोहर मूरति ए' (ये ऐसी मन को हरने वाली मूर्तियाँ) श्रीराम, लक्ष्मण और सीताजी तीनों के लिए प्रयुक्त हुआ है।
अलंकार:
'पबि-पाहन हूँ ते कठोर हियो है' (हृदय वज्र और पत्थर से भी कठोर है) - इस पंक्ति में कैकेयी के हृदय (उपमेय) को वज्र और पत्थर (उपमान) से भी अधिक कठोर बताया गया है, अतः यहाँ व्यतिरेक अलंकार है।
सम्पूर्ण पद्य में सवैया छन्द और ब्रजभाषा का सुन्दर प्रयोग हुआ है। अनुप्रास अलंकार भी स्पष्ट है (जैसे - काजु अकाजु, कान कियो)।
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