Question:

दिए गए संस्कृत पद्यांश में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए : बन्धनं मरणं वापि जयो वापि पराजयः । उभयत्र समो वीरः वीर भावो हि वीरता ।। 
 

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श्लोक का अनुवाद करते समय उसके अन्वय (कर्ता, कर्म, क्रिया के अनुसार वाक्य-रचना) को समझें। इससे अर्थ स्पष्ट हो जाता है। जैसे यहाँ 'वीरः उभयत्र समः (भवति)' अर्थ है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

सन्दर्भ:
प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के 'संस्कृत-परिचयिका' खण्ड के 'वीरः वीरेण पूज्यते' नामक पाठ से उद्धृत है। इसमें सिकन्दर और पुरुराज के संवाद के माध्यम से वीरता की परिभाषा दी गयी है।
हिन्दी में अनुवाद:
बन्धन हो अथवा मरण, जीत हो या हार, वीर पुरुष दोनों ही स्थितियों (परिस्थितियों) में समान रहता है। वीर-भाव को ही वीरता कहते हैं।
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