Question:

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए। 

गद्यांश – 
वाराणसी सुविख्याता प्राचीन नगरी। इयं विमलसलिलतरङ्गाया: गङ्गाया: कूले स्थिता। अस्या: घट्टटानां वलयाकृतिः पंक्तिः धवलायां चन्द्रकायां बहु राजते। अगणिता: पर्यटका: सुदूरेभ्यः देशेभ्यः नित्यं अत्र आगच्छन्ति, अस्या: घट्टटानां च शोभां विलोक्य इमां बहु प्रशंसन्ति।

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वाराणसी नगरी की महत्ता उसके घाटों और गंगा नदी की पवित्रता से जुड़ी है, जिसके कारण यह सदैव देश-विदेश के पर्यटकों का आकर्षण बनी रहती है।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

संदर्भ: 
यह गद्यांश वाराणसी नगरी के महत्व और उसकी प्राचीनता का वर्णन करता है। इसमें गंगा नदी के तट पर स्थित इस नगरी की अद्भुत शोभा, घाटों की विशेषता तथा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण को प्रस्तुत किया गया है। 

हिन्दी अनुवाद: 
वाराणसी एक प्रसिद्ध प्राचीन नगरी है। यह पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है। इसके घाटों की वलयाकार पंक्ति श्वेत चन्द्रमा की भाँति अत्यन्त सुन्दर प्रतीत होती है। अनेकों पर्यटक दूर-दूर के देशों से यहाँ प्रतिदिन आते हैं और इसके घाटों की शोभा देखकर इस नगरी की बहुत प्रशंसा करते हैं।

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