Question:

दिए गए संस्कृत गद्यांश का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए। गद्यांश 
एषा नगरी भारतीयसंस्कृतेः संस्कृतभाषायाश्च केन्द्रस्थानम् अस्ति। इत एव संस्कृतवाङ्मयस्य संस्कृतदेश्य आलोकः सर्वत्र प्रसृतः। मुगध्रयुवराजः दाराशिकोहः अनागत्यान भारतीय-दर्शन शास्त्राणां अध्ययनम् अकरोत्। स तेषां ज्ञानेन तथा प्रभावितः अभवत् यत् तेन उपनिषदाम् अनुवाद पारसी भाषा कारितः। 
 

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संस्कृत गद्यांश का अनुवाद करते समय पहले सन्दर्भ दें, फिर क्रमशः वाक्य–वाक्य का सरल और स्पष्ट अनुवाद लिखें।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

संदर्भ:
यह गद्यांश संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति की महानता पर आधारित है। इसमें संस्कृत को ज्ञान और दर्शन का केन्द्र माना गया है।
अनुवाद:
यह नगरी भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का केन्द्रस्थान है। इसी कारण संस्कृत साहित्य का प्रकाश सर्वत्र फैला हुआ है। मुग़ल युवराज दाराशिकोह भारतीय दर्शनशास्त्रों का अध्ययन करने आए। वह उन ग्रंथों के ज्ञान से इतना प्रभावित हुआ कि उसने उपनिषदों का अनुवाद फारसी भाषा में करवाया।
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