Question:

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए। 

गद्यांश – 
मानव जीवनस्य संस्करणं संस्कृति:। अस्माकं पूर्वजाः मानवजीवन संस्कर्तुं महान्तं प्रयत्नम् अकुर्वन्। ते अस्माकं जीवनस्य संस्करणाय यान् आचारान् च आदर्शान् च अर्दशयन् तत् सर्वम् अस्माकं संस्कृति:।

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संस्कृति का मूल भाव है – पूर्वजों द्वारा दिए गए आदर्शों और आचारों का पालन करना और उन्हें जीवन में उतारना।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

संदर्भ: 
यह गद्यांश भारतीय संस्कृति के महत्व और उसके निर्माण में पूर्वजों के योगदान को दर्शाता है। इसमें बताया गया है कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए आदर्शों और आचारों पर आधारित है। 

हिन्दी अनुवाद: 
मानव जीवन का संस्कार ही संस्कृति है। हमारे पूर्वजों ने मानव जीवन को संस्कारित करने के लिए महान प्रयास किए। उन्होंने हमारे जीवन को संस्कारित करने के लिए जो आचरण और आदर्श प्रस्तुत किए, वही सब हमारी संस्कृति है।

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