Question:

निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए : चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ, ... मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ में देना तुम फेंक | मातृ-भूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक । पुष्प वनमाली के समक्ष अपनी कौन-सी इच्छा (चाह) प्रकट करता है ? 
 

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उत्तर लिखते समय, प्रश्न के अनुसार केवल वही जानकारी दें जो पूछी गई है। यहाँ पुष्प क्या नहीं चाहता, यह बताना आवश्यक नहीं है, केवल उसकी वास्तविक इच्छा (क्या चाहता है) बताना ही पर्याप्त है।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

चरण 1: प्रश्न को समझना:
प्रश्न में पूछा गया है कि पुष्प वनमाली से अपनी क्या इच्छा व्यक्त करता है।
चरण 2: पद्यांश से उत्तर खोजना:
- पद्यांश के अनुसार, पुष्प वनमाली के समक्ष यह इच्छा प्रकट करता है कि उसे तोड़कर उस रास्ते पर फेंक दिया जाए जिस पर देश के वीर सैनिक मातृभूमि के लिए बलिदान देने जाते हैं।
- पद्यांश में पुष्प पहले अपनी अनेक 'चाह नहीं' (क्या नहीं चाहता) बताता है, जैसे - वह देवकन्या का आभूषण, प्रेमी की माला, सम्राटों के शव पर श्रद्धांजलि या देवताओं पर चढ़ाया जाने वाला प्रसाद नहीं बनना चाहता।
- उसकी वास्तविक इच्छा पद्यांश के अंतिम चार पंक्तियों में व्यक्त होती है: "मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ में देना तुम फेंक | मातृ-भूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक।"
- अतः, पुष्प की एकमात्र और अंतिम इच्छा यही है कि वह देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीरों के मार्ग में बिछकर उनके महान कार्य में सहभागी बने। यही उसका सर्वोच्च सम्मान है।
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