List of practice Questions

निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए : ‘‘कुटज के ये सुंदर फूल बहुत बुरे तो नहीं हैं । जो कालिदास के काम आया हो उसे ज़्यादा इज़्ज़त मिलनी चाहिए । मिली कम है । पर इज़्ज़त तो नसीब की बात है । रहीम को मैं बड़े आदर के साथ स्मरण करता हूँ । दरियादिल आदमी थे, पाया सो लुटाया । लेकिन दुनिया है कि मतलब से मतलब है, रस चूस लेती है, छिलका और गुठली फेंक देती है । सुना है, रस चूस लेने के बाद रहीम को भी फेंक दिया गया था । एक बादशाह ने आदर के साथ बुलाया, दूसरे ने फेंक दिया ! हुआ ही करता है । इससे रहीम का मोल घट नहीं जाता । उनकी फक्कड़ाना मस्ती कहीं गई नहीं । अच्छे-भले कद्रदान थे । लेकिन बड़े लोगों पर भी कभी-कभी ऐसी वितृष्णा सवार होती है कि गलती कर बैठते हैं । मन खराब रहा होगा, लोगों की बेरुखी और बेकददानी से मुरझा गए होंगे – ऐसी ही मनःस्थिति में उन्होंने बिचारे कुटज को भी एक चपत लगा दी ।’’ 
 

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए :

हालाँकि उसे खेती की हर बारीकी के बारे में मालूम था, लेकिन फिर भी डरा दिए जाने के कारण वह अकेला खेती करने का साहस न जुटा पाता था । इससे पहले वह शेर, चीते और मगरमच्छ के साथ साझे की खेती कर चुका था, अब उससे हाथी ने कहा कि अब वह उसके साथ साझे की खेती करे । किसान ने उसको बताया कि साझे में उसका कभी गुज़ारा नहीं होता और अकेले वह खेती कर नहीं सकता । इसलिए वह खेती करेगा ही नहीं । हाथी ने उसे बहुत देर तक पट्टी पढ़ाई और यह भी कहा कि उसके साथ साझे की खेती करने से यह लाभ होगा कि जंगल के छोटे-मोटे जानवर खेतों को नुकसान नहीं पहुँचा सकेंगे और खेती की अच्छी रखवाली हो जाएगी ।
किसान किसी न किसी तरह तैयार हो गया और उसने हाथी से मिलकर गन्ना बोया ।

समय पर जब गन्ने तैयार हो गए तो वह हाथी को खेत पर बुला लाया । किसान चाहता था कि फ़सल आधी-आधी बाँट ली जाए । जब उसने हाथी से यह बात कही तो हाथी काफ़ी बिगड़ा ।
हाथी ने कहा, “अपने और पराए की बात मत करो । यह छोटी बात है । हम दोनों ने मिलकर मेहनत की थी हम दोनों उसके स्वामी हैं । आओ, हम मिलकर गन्ने खाएँ ।”
किसान के कुछ कहने से पहले ही हाथी ने बढ़कर अपनी सूँड से एक गन्ना तोड़ लिया और आदमी से कहा, “आओ खाएँ ।”
गन्ने का एक छोर हाथी की सूँड में था और दूसरा आदमी के मुँह में । गन्ने के साथ-साथ आदमी हाथी के मुँह की तरफ़ खिंचने लगा तो उसने गन्ना छोड़ दिया ।
हाथी ने कहा, “देखो, हमने एक गन्ना खा लिया ।”
इसी तरह हाथी और आदमी के बीच साझे की खेती बँट गई ।