Question:

दिए गए पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 
सुनि सुंदर बैनि मधुरास साने, सयानी हैं जानकी जानी भली। 
तिरछे करि नैन दे सैंन तिन्हें, समझाइ करू मुसुकाइ चली॥ 
\(\underline{तुलसी तेहि औसर सोहें सबै, अवलोकति लोचन लालु अली।}\) 
\(\underline{अनुराग-तड़ागा में मानु उठे, विगसि मनो मञ्जुल कंज कलि॥}\) 
(i) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए। 
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। 
(iii) उपयुक्त कविता में कौन-सा अलंकार एवं छन्द है?

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यदि उपमा में 'सा/सम' हो तो उपमा; बिना 'सा/सम' सीधे रूप आरोपित हो तो रूपक—यही भेद याद रखें।
Updated On: Oct 11, 2025
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Solution and Explanation

Step 1: प्रसंग.
कवि सौम्य-शृंगार को लोकमर्यादा से जोड़ते हैं; सीता का व्यवहार विनय, लज्जा, संयम से युक्त है।

Step 2: रेखांकित अंश की व्यंजना.
'लोचन लालु अली'—यहाँ लोचन = भँवरे (अली) की तरह स्वाभाविक चंचल हैं; 'अनुराग-तड़ाग' में उठना-विगसना प्रेम की तरंग और मुखकमल के विकास का संकेत है।

Step 3: अलंकार-छन्द का औचित्य.
रूपक से दृश्य एकात्म हो उठता है (उपमेय-उपमा का भेद मिटता है), और सवैया की संगति सौंदर्य की लयात्मकता बढ़ाती है।

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