Question:

िनम्‍निलिखत अपिठत गद्यांश पढ़कर दी गई सू चनाओं के अनुसार कृितयाँ कीिजए : परोपकार ही मानवता है, जैसा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है-'वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे।' केवल अपने दुख-सुख की चिंता करना मानवता नहीं, पशुता है। परोपकार ही मानव को पशुता से सदय बनाता है। वस्तुतः निःस्वार्थ भावना से दूसरों का हित साधना ही परोपकार है। मनुष्य अपनी सामर्थ्य के अनुसार परोपकार कर सकता है। दूसरों के प्रति सहानुभूति करना ही परोपकार है और सहानुभूति किसी भी रूप में प्रकट की जा सकती है। किसी निर्धन की आर्थिक सहायता करना अथवा किसी असहाय की रक्षा करना परोपकार के रूप हैं। किसी पागल अथवा रोगी की सेवा-शुश्रूषा करना अथवा भूखे को अन्नदान करना भी परोपकार है। किसी को संकट से बचा लेना, किसी को कुमार्ग से हटा देना, किसी दुखी-निराश को सांत्वना देना- ये सब परोपकार के ही रूप हैं। कोई भी कार्य, जिससे किसी को लाभ पहुँचता है, परोपकार है, जो अपनी सामर्थ्य के अनुसार विभिन्न रूपों में किया जा सकता है। 
(1) कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से उचित शब्द चुनकर तालिका पूर्ण कीजिए : 
 

(सांत्वना, पशुता, सेवा-शुश्रूषा, मानवता, सामर्थ्य)

\[\begin{array}{|l l l|} \hline (1) & परोपकार ही & \dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots \\ \text{(2)} & \text{केवल अपने सुख-दुख की चिंता करना} & \text{\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots} \\ \hline \text{(3)} & \text{पागल अथवा रोगी की} & \text{\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots} \\ \hline \text{(4)} & \text{दुखी-निराश को} & \text{\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots} \\ \hline \end{array}\]
 

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'तालिका पूर्ण कीजिए' जैसे प्रश्नों में, गद्यांश में दिए गए वाक्यों को ध्यान से खोजें। उत्तर अक्सर सीधे वाक्यों में ही मिल जाते हैं।
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Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept: 
इस प्रश्न में गद्यांश की पंक्तियों को पूरा करने के लिए कोष्ठक में दिए गए सही शब्दों का चयन करना है। 
 

Step 2: Detailed Explanation: 
गद्यांश की पंक्तियों को ध्यान से पढ़ने पर उत्तर मिलते हैं: \[\begin{array}{rl} 1. & \text{"परोपकार ही मानवता है..."} \\ 2. & \text{"...केवल अपने दुख-सुख की चिंता करना मानवता नहीं, पशुता है।"} \\ 3. & \text{"किसी पागल अथवा रोगी की सेवा-शुश्रूषा करना..."} \\ 4. & \text{"...किसी दुखी-निराश को सांत्वना देना..."} \\ \end{array}\]

Step 3: Final Answer: 
पूर्ण तालिका इस प्रकार है: 
\[\begin{array}{|l l l|} \hline (1) & परोपकार ही & मानवता \\ \text{(2)} & \text{केवल अपने सुख-दुख की चिंता करना} & \text{पशुता} \\ \hline \text{(3)} & \text{पागल अथवा रोगी की} & \text{सेवा-शुश्रूषा} \\ \hline \text{(4)} & \text{दुखी-निराश को} & \text{सांत्वना} \\ \hline \end{array}\]
 

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