Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए :
मैं तो शहर से या आदमियों से डरकर जंगल इसलिए भागा था कि मेरे सिर पर सींग निकल रहे थे और डर था कि किसी-न-किसी दिन किसी की नज़र मुझ पर ज़रूर पड़ जाएगी।
जंगल में मेरा पहला ही दिन था जब मैंने बरगद के पेड़ के नीचे एक शेर को बैठे हुए देखा। शेर का मुँह खुला हुआ था। शेर का खुला मुँह देखकर मेरा जो हाल होना था वही हुआ, यानी मैं डर के मारे एक झाड़ी के पीछे छिप गया।
मैंने देखा कि झाड़ी की ओट भी ग़ज़ब की चीज़ है। अगर झाड़ियाँ न हों तो शेर का मुँह-ही-मुँह हो और फिर उससे बच पाना कठिन हो जाए। कुछ देर बाद मैंने देखा कि जंगल के छोटे-मोटे जानवर एक लाइन से चले आ रहे हैं और शेर के मुँह में घुसे चले जा रहे हैं। शेर बिना हिले-डुले, बिना चबाए, जानवरों को गटकता जा रहा है। यह दृश्य देखकर मैं बेहोश होते-होते बचा।
 

Question: 1

‘सींग निकलना’ से क्या आशय है?

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मुहावरे भाषा को प्रभावशाली और सांकेतिक बनाते हैं। उत्तर लिखते समय शाब्दिक नहीं, भावार्थ को पहचानना आवश्यक होता है। 'सींग निकलना' साहस और प्रतिकार का प्रतीक है।
Updated On: Jul 23, 2025
  • हिंसक होना
  • विरोध करना
  • पशु बनना
  • वयस्क होना
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

'सींग निकलना' एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका शाब्दिक अर्थ है — किसी के भीतर साहस, प्रतिकार अथवा विद्रोह की भावना का उत्पन्न होना। इस मुहावरे का प्रयोग उस समय किया जाता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक दबाव, भय या अन्य सामाजिक सीमाओं से उबरकर अपने विचार या स्वभाव को मुखर रूप में व्यक्त करता है।
गद्यांश में कथन है कि “मैं तो शहर से या आदमियों से डरकर जंगल इसलिए भागा था कि मेरे सिर पर सींग निकल रहे थे और डर था कि किसी-न-किसी तरीके से किसी की नज़र मुझ पर जरूर पड़ जाएगी।” यहाँ 'सींग निकलना' का तात्पर्य यह है कि लेखक की अंतरात्मा में एक विरोध का स्वर जन्म लेने लगा था — वह अब उस व्यवस्था या समाज से सहमत नहीं रह गया था और उसमें प्रतिरोध करने की भावना उत्पन्न हो रही थी।
'सींग' प्रतीक है विद्रोह या शक्ति का, और लेखक को डर था कि यदि उसकी यह भावना बाहर आ गई तो समाज या व्यवस्था उसे अस्वीकार कर सकती है या उससे भयभीत हो सकती है। इसीलिए वह जंगल की ओर भागता है — जहाँ कोई सामाजिक बंधन नहीं हैं और वह स्वाभाविक रूप से अपने विचारों के साथ जी सकता है।
इस प्रकार, ‘सींग निकलना’ का आशय है — विरोध करना, अपने अंदर की चेतना और प्रतिरोध को मुखर करना। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब एक व्यक्ति अब चुप नहीं रहता, बल्कि अपने अधिकारों, स्वतंत्रता या असहमति को प्रकट करता है।
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Question: 2

गद्यांश में शहर से जंगल की ओर भागने का सांकेतिक कारण लेखक ने क्या माना है?

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प्रश्नों में प्रयुक्त 'सांकेतिक' शब्द संकेत करता है कि उत्तर प्रतीकात्मक स्तर पर सोचा जाए। लेखक का भागना केवल शारीरिक नहीं बल्कि वैचारिक मुक्ति की ओर संकेत करता है।
Updated On: Jul 23, 2025
  • आदमियों से डरना
  • जंगल की सैर करना
  • शहरी जीवन से थकना
  • व्यवस्था के कहर से बचना
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

गद्यांश में लेखक स्पष्ट रूप से कहता है कि वह शहर या आदमियों से डरकर नहीं, बल्कि उस सामाजिक व्यवस्था के भय से भागा था जो उसके भीतर पनप रहे प्रतिरोध की भावना को अस्वीकार कर सकती थी। लेखक के अनुसार, उसके भीतर 'सींग निकल रहे थे', अर्थात् वह समाज के विरुद्ध कुछ बोलने या सोचने लगा था।
यह एक प्रतीकात्मक संकेत है कि लेखक अब उस व्यवस्था से सहमत नहीं था और उसमें अपनी स्वतंत्र चेतना को व्यक्त करने का साहस उत्पन्न हो रहा था। लेकिन वह जानता था कि उस व्यवस्था में यह प्रतिकार स्वीकार्य नहीं होगा और वह किसी न किसी प्रकार से दंडित किया जाएगा।
इसलिए वह जंगल की ओर भागता है — जो एक ऐसा स्थान है जहाँ वह खुलकर सोच सकता है, अपनी चेतना को जी सकता है और उस कृत्रिमता से दूर जा सकता है जो शहरी जीवन और सामाजिक व्यवस्था से जुड़ी हुई है।
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Question: 3

गद्यांश में ‘शेर’ प्रतीकार्थ है:

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'शेर' जैसे शब्द प्रतीकात्मक होते हैं—वे अक्सर किसी बड़ी सत्ता, ताकतवर तंत्र या दबावपूर्ण व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे विकल्प चुनते समय शब्द की गहराई और संदर्भ को समझना आवश्यक होता है।
Updated On: Jul 23, 2025
  • हिंसक पशु
  • व्यवस्था
  • जंगल का राजा
  • धनी वर्ग
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में 'शेर' एक प्रतीक के रूप में प्रयुक्त हुआ है। यह वास्तविक हिंसक पशु या जंगल का राजा नहीं है, बल्कि उस सामाजिक व्यवस्था का प्रतीक है जो शक्तिशाली है, नियंत्रणकारी है और असहमति को दबाने वाली है।
लेखक 'शेर' से डरकर भागता है, जो संकेत करता है कि वह उस व्यवस्था से डरता है जो उसकी वैचारिक स्वतंत्रता को कुचल सकती है। यह 'शेर' प्रतीकात्मक रूप से उस सत्ता, अनुशासन और सामाजिक ढांचे का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें विरोध और आलोचना की कोई जगह नहीं होती।
इसलिए सही उत्तर है: व्यवस्था, जो कि शेर का सांकेतिक प्रतिक है।
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Question: 4

जानवर शेर के मुँह में क्यों चले जा रहे थे ?

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जब पात्र या समूह स्वयं किसी संकट की ओर जाते दिखें, तो यह सोचें कि उन्हें वहाँ क्या आकर्षित कर रहा है — प्रलोभन, भय, या सामाजिक नियम? प्रतीकों को समझने में यह विश्लेषण सहायक होता है।
Updated On: Jul 23, 2025
  • उससे भयभीत होने के कारण
  • किसी न किसी प्रलोभन के कारण
  • पारंपरिक नियम होने के कारण
  • अंधविश्वासी होने के कारण
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में बताया गया है कि जानवर स्वयं शेर के मुँह में जा रहे थे और यह कोई सामान्य घटना नहीं थी। यह संकेत करता है कि वे किसी प्रकार के प्रलोभन के वशीभूत थे।
लेखक ने इस क्रिया को प्रतीकात्मक रूप में प्रस्तुत किया है, जहाँ जानवरों का शेर की ओर स्वयं जाना यह दर्शाता है कि व्यवस्था (जो शेर का प्रतीक है) कुछ ऐसा मोह या आकर्षण प्रस्तुत कर रही थी, जिससे जानवर अपनी स्वेच्छा से उसमें समाहित हो रहे थे।
यह समाज में फैले उस लालच, मोह और सुविधाजनक जीवन की ओर संकेत करता है, जो व्यक्ति को तंत्र में बाँध लेता है और वह स्वेच्छा से अपनी स्वतंत्रता का समर्पण कर देता है।
अतः सही उत्तर है: किसी न किसी प्रलोभन के कारण।
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Question: 5

निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए:
कथन: जंगल के छोटे-मोटे जानवर शेर के मुँह में घुसते चले जा रहे थे।
कारण: शेर अहिंसावादी, न्यायप्रिय और बुद्ध का अवतार था।

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कथन-कारण वाले प्रश्नों में दोनों वाक्यों को अलग-अलग जाँचना ज़रूरी होता है। उसके बाद देखें कि क्या कारण, कथन को तार्किक रूप से स्पष्ट करता है या नहीं।
Updated On: Jul 23, 2025
  • कथन ग़लत है, किंतु कारण सही है।
  • कथन तथा कारण दोनों ग़लत हैं।
  • कथन सही है, किंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
  • कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार, यह सत्य है कि जंगल के छोटे-मोटे जानवर स्वयं शेर के मुँह में जा रहे थे — यह प्रतीकात्मक चित्रण है उस समाज का जहाँ लोग किसी प्रभाव, भय, या आकर्षण के कारण व्यवस्था (जिसका प्रतीक शेर है) में समाहित हो जाते हैं। अतः कथन सही है।
लेकिन कारण में कहा गया है कि शेर 'अहिंसावादी, न्यायप्रिय और बुद्ध का अवतार' था — यह गद्यांश की भावना और व्याख्या के विपरीत है। लेखक ने शेर को एक दमनकारी व्यवस्था का प्रतीक बताया है, न कि बुद्ध जैसे शांतिप्रिय या उदार नेतृत्व का।
इसलिए कारण गलत है और वह कथन की सही व्याख्या नहीं करता।
अतः सही विकल्प है: (C) कथन सही है, किंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
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