Question:

दिए गए लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए।     [3+2=5] 

(i) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल 
(ii) डॉ॰ भगवतरशरण उपाध्याय 
(iii) जयशंकर प्रसाद 
 

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लेखक–परिचय लिखते समय जन्म, शिक्षा, व्यक्तित्व, साहित्यिक योगदान और एक प्रमुख रचना का विश्लेषण अवश्य करें।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

(i) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म सन् 1884 में बस्ती जनपद (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उन्होंने संस्कृत, अंग्रेजी और हिंदी का गहन अध्ययन किया। बाद में काशी नागरी प्रचारिणी सभा और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से जुड़े।
व्यक्तित्व और योगदान:
वे हिंदी साहित्य के प्रथम वैज्ञानिक आलोचक और इतिहासकार माने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व अनुशासित, सत्यनिष्ठ और समाजोन्मुख था। उन्होंने साहित्य को केवल सौन्दर्य–बोध तक सीमित न मानकर समाज और जीवन से जोड़ा।
साहित्यिक योगदान:
हिंदी साहित्य में उन्होंने आलोचना और इतिहास लेखन को नई दिशा दी। उनका मानना था कि साहित्य का लक्ष्य 'लोकमंगल' होना चाहिए। उन्होंने निबंध–लेखन को भी उच्च गरिमा प्रदान की।
प्रमुख रचना:
"हिंदी साहित्य का इतिहास" उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है। इसमें प्राचीन से आधुनिक काल तक हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक और क्रमबद्ध इतिहास प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ आज भी साहित्य–इतिहास लेखन की आधारशिला है।
निष्कर्ष:
आचार्य शुक्ल आधुनिक हिंदी आलोचना और इतिहास–लेखन के आधार–स्तंभ हैं।
(ii) डॉ॰ भगवतरशरण उपाध्याय — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
डॉ॰ भगवतरशरण उपाध्याय का जन्म सन् 1914 में हुआ। उन्होंने संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी का गहन अध्ययन किया और आगे चलकर प्रसिद्ध विद्वान, आलोचक और निबंधकार बने।
व्यक्तित्व और योगदान:
वे गंभीर चिन्तक, शोधपरक लेखक और प्रखर निबंधकार थे। उनकी रचनाओं में ऐतिहासिक दृष्टि, विद्वता और गहन विवेचनशीलता देखने को मिलती है। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय संस्कृति और साहित्य को अपने निबंधों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
साहित्यिक योगदान:
उनकी भाषा सरल, सुस्पष्ट और प्रभावशाली थी। उन्होंने निबंधों में दार्शनिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक समस्याओं पर विचार व्यक्त किए।
प्रमुख रचना:
"कलिदास" उनकी प्रसिद्ध कृति है। इसमें उन्होंने महाकवि कालिदास के जीवन, काव्य और उनकी कृतियों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया है। यह ग्रंथ कालिदास–साहित्य की समझ के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष:
डॉ॰ भगवतरशरण उपाध्याय हिंदी निबंध साहित्य और आलोचना–परम्परा के प्रतिष्ठित विद्वान थे।
(iii) जयशंकर प्रसाद — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
जयशंकर प्रसाद का जन्म सन् 1889 में वाराणसी के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। आरम्भिक शिक्षा संस्कृत और फारसी में हुई। व्यवसायिक कठिनाइयों के बावजूद वे साहित्य–साधना में लगे रहे।
व्यक्तित्व और योगदान:
वे छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक थे। उनका व्यक्तित्व संवेदनशील, गम्भीर और सृजनशील था। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता, दर्शन और सौन्दर्य–बोध का अद्भुत समन्वय मिलता है।
साहित्यिक योगदान:
प्रसाद जी कवि, नाटककार, कथाकार और निबंधकार—सभी रूपों में प्रतिभाशाली थे। उनकी प्रमुख काव्य–कृतियाँ हैं: "कामायनी", "आँसू", "झरना", "लहर"। उन्होंने ऐतिहासिक नाटक जैसे—"स्कन्दगुप्त", "चन्द्रगुप्त", "ध्रुवस्वामिनी" आदि की भी रचना की।
प्रमुख रचना:
"कामायनी" उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। इसमें मनु, श्रद्धा और इड़ा के प्रतीक पात्रों के माध्यम से मानव–जीवन के भाव–बुद्धि–इच्छा के संघर्ष और समन्वय को प्रस्तुत किया गया है। यह हिंदी साहित्य का दार्शनिक महाकाव्य है।
निष्कर्ष:
जयशंकर प्रसाद हिंदी साहित्य के सर्वांगीण सर्जक और छायावादी युग के महान कवि थे।
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