Question:

दिए गए कवियों में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए।     [3+2=5]

(i) गोस्वामी तुलसीदास 
(ii) रसखान 
(iii) सुमित्रानंदन पंत 
(iv) मैथिलीशरण गुप्त 
 

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कवि–परिचय लिखते समय जन्म, शिक्षा, स्वभाव, काव्य–योगदान और प्रमुख रचना का महत्व अवश्य लिखें।
Updated On: Oct 28, 2025
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Solution and Explanation

(i) गोस्वामी तुलसीदास — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
तुलसीदास का जन्म संवत 1554 (सन् 1497 ई.) में उत्तर प्रदेश के राजापुर (चित्रकूट) में हुआ। उनका बचपन कठिनाइयों से भरा था। वे काशी में आकर स्थायी रूप से बस गए।
व्यक्तित्व और योगदान:
तुलसीदास रामभक्ति के महान कवि थे। उनका जीवन भक्ति, धर्म और समाज के उत्थान के लिए समर्पित था। उनकी भाषा अवधी और ब्रज थी, जो सरल और जन–जन की समझ में आने वाली थी।
प्रमुख रचना:
"रामचरितमानस" उनकी सबसे महान कृति है। इसमें भगवान राम के जीवन और मर्यादा का वर्णन है। यह ग्रंथ हिंदी साहित्य की अमूल्य निधि है।
निष्कर्ष:
तुलसीदास लोकनायक कवि थे, जिन्होंने भक्ति और नीति का संदेश दिया।
(ii) रसखान — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
रसखान का जन्म सन् 1558 ई. के आसपास हुआ। वे मूल रूप से मुसलमान थे, किन्तु कृष्णभक्ति से प्रभावित होकर हिंदी साहित्य में अमर हो गए।
व्यक्तित्व और योगदान:
उनका हृदय प्रेम और भक्ति से ओत–प्रोत था। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को अपना आराध्य माना और ब्रजभूमि को स्वर्ग से भी श्रेष्ठ बताया।
प्रमुख रचना:
"सुजान रसखान" और "प्रेमवाटिका" उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। इनमें कृष्णलीला और ब्रजभूमि की अद्भुत छटा का चित्रण है।
निष्कर्ष:
रसखान ने अपनी कविताओं में प्रेम, भक्ति और समर्पण का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
(iii) सुमित्रानंदन पंत — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा और बनारस में हुई।
व्यक्तित्व और योगदान:
वे छायावाद के चार स्तंभों में से एक थे। उनकी रचनाओं में प्रकृति–चित्रण, सौन्दर्य–बोध, करुणा और दार्शनिकता मिलती है। उनका व्यक्तित्व कोमल भावनाओं और सौंदर्य–प्रेम का प्रतीक था।
प्रमुख रचना:
"पल्लव" उनकी प्रसिद्ध काव्य–कृति है। इसमें प्रकृति की कोमलता और सौन्दर्य का अद्भुत चित्रण है।
निष्कर्ष:
पंत जी प्रकृति–कवि के रूप में हिंदी साहित्य में अमर हैं।
(iv) मैथिलीशरण गुप्त — जीवन परिचय और प्रमुख रचना
जन्म और शिक्षा:
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 को झांसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उनकी शिक्षा हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में हुई।
व्यक्तित्व और योगदान:
गुप्त जी राष्ट्रीयता के कवि थे। उनकी कविताओं में देशभक्ति, सामाजिक सुधार और स्त्री–जागरण का स्वर प्रमुख रूप से दिखाई देता है। उन्हें "राष्ट्रीय कवि" की उपाधि प्राप्त है।
प्रमुख रचना:
"भारत–भारती" उनकी प्रसिद्ध कृति है। इसमें भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य का चित्रण है। इस कृति ने स्वाधीनता आंदोलन में युवाओं को प्रेरणा दी।
निष्कर्ष:
गुप्त जी का काव्य राष्ट्रीय जागरण और समाज सुधार का प्रतीक है।
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