Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :

बाज़ार को सार्थकता भी वही मनुष्य देता है जो जानता है कि वह क्या चाहता है। और जो नहीं जानते कि वे क्या चाहते हैं, अपनी ‘पर्चेजिंग पावर’ के गर्व में अपने पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति, शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति ही बाज़ार को देते हैं। न तो वे बाज़ार से लाभ उठा सकते हैं, न उस बाज़ार को सच्चा लाभ दे सकते हैं। वे लोग बाज़ार का बाज़ारीपन बढ़ाते हैं। जिसका मतलब है कि कपट बढ़ाते हैं। कपट की बढ़ती का अर्थ परस्पर में सद्भाव की घटती। इस सद्भाव के ह्रास पर आदमी आपस में भाई-भाई और सगे-सगे और पड़ोसी फिर रह ही नहीं जाते हैं और आपस में करो ग्राहक और बेंचक की तरह व्यवहार करते हैं। मानो एक-दूसरे को ठगने की घात में हों।

Question: 1

बाज़ार को सार्थकता कौन प्रदान करता है ?

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गद्यांश आधारित MCQ में लाइन से सीधा शब्द उठाना सबसे सटीक होता है।
Updated On: Jul 31, 2025
  • जिसे अपनी जरूरतों का पता हो।
  • जो अपनी चाह से अज्ञात हो।
  • जिसके पास अकूत धन हो।
  • जिसके पास सीमित शक्ति हो।
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार बाजार में वही व्यक्ति सही ढंग से लाभ उठा सकता है जो जानता है कि उसे क्या चाहिए।
जिसे अपनी जरूरतों का ज्ञान नहीं, वह अपनी क्रयशक्ति को व्यर्थ शक्ति, व्यंग्य शक्ति या शैतानी शक्ति में बदल देता है।
इसलिए बाजार को सार्थक वही करता है जिसे अपनी वास्तविक आवश्यकताओं का ज्ञान हो।
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Question: 2

‘पर्चेज़िंग पावर’ का गर्व किन लोगों को होता है ?

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ऐसे प्रश्न में गद्यांश के शब्द हूबहू उतर में जोड़ना अच्छा तरीका है।
Updated On: Jul 31, 2025
  • उचित मोल भाव कर खरीददारी करने वालों को
  • धैर्य और संयम के साथ खरीददारी करने वालों को
  • बाजार के फैले जाल का लाभ उठाने वालों को
  • धन के मद में अनावश्यक खरीददारी करने वालों को
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार जो लोग अपनी ‘‘पर्चेज़िंग पावर’’ के गर्व में धन का अहंकार दिखाते हैं, वे ही बिना सोच-विचार के पैसे खर्च करते हैं।
ये लोग अपनी जरूरतों को नहीं जानते, केवल अनावश्यक खरीददारी कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
इसीलिए ‘‘पर्चेज़िंग पावर’’ का गर्व उन लोगों में होता है जो धन के मद में अनावश्यक खरीददारी करते हैं।
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Question: 3

निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चुनिए :

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Assertion या कथन वाले प्रश्न में गद्यांश की पंक्ति से सीधा शब्द उठाना सर्वोत्तम होता है।
Updated On: Jul 31, 2025
  • पर्चेज़िंग पावर का गर्व बाजार को सार्थक शक्ति देता है।
  • पर्चेज़िंग पावर का गर्व बाजार को विनाशक शक्ति देता है।
  • पर्चेज़िंग पावर का गर्व बाजार को नियंत्रक शक्ति देता है।
  • पर्चेज़िंग पावर का गर्व बाजार को सच्चा लाभ प्रदान करता है।
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में स्पष्ट कहा गया है कि जो लोग अपनी पर्चेज़िंग पावर के गर्व में पैसे को बिना सोचे खर्च करते हैं, वे अपनी शक्ति को ‘‘विनाशक शक्ति’’ में बदल देते हैं।
इसलिए बाजार को सही दिशा नहीं मिलती, बल्कि यह शक्ति बाजार के लिए हानिकारक बन जाती है।
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Question: 4

‘‘वे लोग बाज़ार का बाज़ारूपन बढ़ाते हैं।’’ कथन में ‘बाज़ारूपन’ से क्या अभिप्राय है ?

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ऐसे शब्दार्थ प्रश्न में संदर्भ के साथ अर्थ स्पष्ट करें।
Updated On: Jul 31, 2025
  • चकाचौंध
  • छल-कपट
  • सार्थकता
  • सदव्यवहार
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में ‘‘बाज़ारूपन’’ शब्द से लेखक ने कपट और छद्म व्यवहार का अर्थ निकाला है।
ऐसे लोग आपसी भाईचारे को छोड़कर ग्राहक-बेचक की तरह व्यवहार करते हैं — यानी छल-कपट करते हैं।
इसीलिए बाज़ारूपन का मतलब है बाज़ार में कपटपूर्ण व्यवहार का बढ़ना।
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Question: 5

बाज़ार के बाज़ारूपन बढ़ने के परिणामों के विषय में क्या असर पड़ता है ?

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ऐसे प्रश्न में शब्दों को हूबहू गद्यांश से जोड़ें, तभी सही विकल्प मिलेगा।
Updated On: Jul 31, 2025
  • लोगों की आवश्यकताओं का शोषण होने लगता है।
  • बाज़ार की सार्थकता समाप्त हो, कपट को बढ़ावा मिलता है।
  • ग्राहक और बेचक के बीच सद्व्यवहार घटने लगता है।
  • ग्राहक और बेचक दोनों बाज़ार से सच्चा लाभ उठाते हैं।
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार जब बाज़ारूपन बढ़ता है तो कपट बढ़ता है और आपसी सद्भाव (सद्व्यवहार) घटता है।
कपट के बढ़ने से बाज़ार की वास्तविक सार्थकता खत्म हो जाती है — ग्राहक और बेचक आपसी भाईचारे की बजाय एक-दूसरे को ठगने लगते हैं।
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