Comprehension

बार-बार आती है मुखाकृति मधुर, याद बचपन तेरी। 
गया ले गया तू जीवन की सबसे मधुर खुशी मेरी। 
चिंता रहित खेलना-खाना वह फिरना निर्बंध स्वच्छंद। 
कैसे भुला जा सकता है बचपन का अद्भुत आनंद। 
ऊँच-नीच का ज्ञान नहीं था, छुआ-छूत किसे कहते? 
बनी हुई थी वहीं झोपड़ी और सीपियों से नावें। 
रोना और मचल जाना भी क्या आनंद दिखाते थे। 
बड़े-बड़े मोती सी आँसू, चुपचाप बहा जाते थे। 
वह सुख जो साधारण जीवन छोड़कर महत्वाकांक्षाएँ बड़ी हुईं। 
टूट गईं कुछ खो गईं हुई-सी दौड़-धूप घर खड़ी हुईं।  

Question: 1

उपयुक्त पंक्तियों में कवयित्री जीवन की सबसे बड़ी खुशी को खो जाने का उत्तरदायी किसे मानती है?

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कविता आधारित प्रश्न हल करते समय, उन पंक्तियों पर ध्यान दें जिनमें कवि/कवयित्री ने “कारण” या “उत्तरदायी” शब्दों के साथ स्पष्ट संदेश दिया हो।
Updated On: Sep 19, 2025
  • चिंता
  • युवावस्था
  • महत्वाकांक्षाएँ
  • जीवन संघर्ष
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: पद्यांश का संदर्भ।
कवयित्री ने पद्यांश में बार-बार बचपन की स्मृतियों को जीवन की सबसे बड़ी और मधुर खुशी बताया है। आगे यह कहा गया है कि साधारण जीवन का वह सुख महत्वाकांक्षाओं के आने से खो गया।
Step 2: विकल्पों का परीक्षण।
- (A) चिंता — यह युवावस्था या वयस्कता में आता है, लेकिन कवयित्री ने इसका उल्लेख यहाँ नहीं किया।
- (B) युवावस्था — यह जीवन का अगला चरण है, परंतु कवयित्री ने इसे सीधे कारण नहीं माना।
- (C) महत्वाकांक्षाएँ — गद्यांश की पंक्ति “वह सुख जो साधारण जीवन छोड़कर महत्वाकांक्षाएँ बड़ी हुईं” स्पष्ट संकेत देती है कि बचपन का सुख महत्वाकांक्षाओं के कारण खो गया।
- (D) जीवन संघर्ष — यह भी जीवन का हिस्सा है, पर कवयित्री ने इसे कारण नहीं कहा।
Step 3: निष्कर्ष।
अतः कवयित्री के अनुसार बचपन की सबसे बड़ी खुशी को खोने का कारण महत्वाकांक्षाएँ हैं।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (C) महत्वाकांक्षाएँ.}} \]
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Question: 2

कवयित्री ने बचपन के अद्भुत आनंद के रूप में इनमें से किसे याद नहीं किया है?

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कविता-आधारित प्रश्नों में अक्सर पूछा जाता है कि कवि/कवयित्री ने “क्या नहीं कहा” — ऐसे प्रश्नों में नकारात्मक संकेत शब्द पर विशेष ध्यान दें।
Updated On: Sep 19, 2025
  • चिंता-मुक्त क्रीड़ा
  • निर्बंध स्वच्छंद विचरण
  • ऊँच-नीच का भेद ज्ञान
  • अभाव में दुःख की अनुभूति
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: पद्यांश का संदर्भ।
कवयित्री ने बार-बार बचपन को आनंदमय और चिंता-मुक्त बताया है। इसमें खेल-कूद, स्वच्छंद विचरण और ऊँच-नीच के भेद से अज्ञान को बचपन की खुशी का कारण बताया गया।
Step 2: विकल्पों का परीक्षण।
- (A) चिंता-मुक्त क्रीड़ा — कवयित्री ने इसका वर्णन किया है।
- (B) निर्बंध स्वच्छंद विचरण — यह भी पद्यांश में सीधे-सीधे बताया गया है।
- (C) ऊँच-नीच का भेद ज्ञान — कवयित्री ने कहा है कि बचपन में इसका ज्ञान नहीं था।
- (D) अभाव में दुःख की अनुभूति — यह पंक्तियों में कहीं नहीं कहा गया, इसलिए यह सही उत्तर है।
Step 3: निष्कर्ष।
अतः कवयित्री ने बचपन के आनंद में “अभाव में दुःख की अनुभूति” का उल्लेख नहीं किया।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (D) अभाव में दुःख की अनुभूति.}} \]
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Question: 3

‘छुआ-छूत’ में कौन सा समास है?

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समास पहचानने के लिए शब्द का विग्रह करना सबसे आसान तरीका है। इससे तुरंत स्पष्ट हो जाता है कि कौन-सा समास है।
Updated On: Sep 19, 2025
  • तत्पुरुष
  • द्वंद्व
  • कर्मधारय
  • भाववाचक भाव
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: शब्द का विश्लेषण।
‘छुआ-छूत’ शब्द दो धातु-आधारित शब्दों से मिलकर बना है। इसमें “छूना + छूत” के मेल से नया अर्थ बनता है।
Step 2: समास की पहचान।
- तत्पुरुष समास वह होता है जिसमें पहला पद दूसरे पद का विशेषण होता है या उससे संबंध स्थापित करता है।
- यहाँ “छुआ-छूत” का अर्थ है “छूने से उत्पन्न छूत” अर्थात छूने से फैलने वाला रोग या विचार।
Step 3: अन्य विकल्पों का परीक्षण।
- (B) द्वंद्व — इसमें दोनों पद समान महत्व रखते हैं (जैसे: माता-पिता), जो यहाँ नहीं है।
- (C) कर्मधारय — इसमें विशेषण और विशेष्य का मेल होता है, जो यहाँ नहीं बनता।
- (D) भाववाचक भाव — यह यहाँ उपयुक्त नहीं है।
Step 4: निष्कर्ष।
इसलिए ‘छुआ-छूत’ में तत्पुरुष समास है।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (A) तत्पुरुष.}} \]
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Question: 4

उपयुक्त पद्यांश का इनमें से सर्वाधिक उचित शीर्षक होगा –

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शीर्षक चुनते समय देखें कि पद्यांश का सबसे मुख्य भाव किस विषय पर केंद्रित है। वही सबसे सटीक उत्तर होता है।
Updated On: Sep 19, 2025
  • मेरा बचपन
  • बीता हुआ समय
  • मेरी स्मृतियाँ
  • जीवन का आनंद
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: पद्यांश का केंद्रीय भाव।
पद्यांश की प्रत्येक पंक्ति बार-बार बचपन की याद, उसकी स्वतंत्रता, चिंता-मुक्त खेलकूद और आनंद को व्यक्त करती है। कवयित्री बचपन को जीवन की सबसे मधुर स्मृति और खुशी कहती है।
Step 2: विकल्पों का विश्लेषण।
- (A) मेरा बचपन — यह सबसे सटीक है क्योंकि पूरा पद्यांश बचपन की स्मृतियों पर केंद्रित है।
- (B) बीता हुआ समय — यह सामान्य शीर्षक है, लेकिन कवयित्री ने विशेष रूप से बचपन का उल्लेख किया है।
- (C) मेरी स्मृतियाँ — यह भी सही लग सकता है, पर स्मृतियों में विशेष रूप से बचपन को ही सबसे आनंदमय कहा गया है।
- (D) जीवन का आनंद — यह व्यापक शीर्षक है, जबकि कविता खासतौर पर बचपन तक सीमित है।
Step 3: निष्कर्ष।
सबसे उपयुक्त शीर्षक है — “मेरा बचपन”।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (A) मेरा बचपन.}} \]
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