Comprehension

 नाटक की तरह एकांकी में चरित्र अधिक नहीं होते। यहाँ प्रायः एक या अधिक चरित्र नहीं होते। चरित्रों में भी केवल नायक की प्रधानता रहती है, अन्य चरित्र उसके व्यक्तित्व का प्रसार करते हैं। यही एकांकी की विशेषता है कि नायक सर्वत्र प्रमुखता पाता है। एकांकी में घटनाएँ भी कम होती हैं, क्योंकि सीमित समय में घटनाओं को स्थान देना पड़ता है। हास्य, व्यंग्य और बिंब का काम अक्सर चरित्रों और नायक के माध्यम से होता है। एकांकी का नायक प्रभावशाली होना चाहिए, ताकि पाठक या दर्शक पर गहरा छाप छोड़ सके। 
इसके अलावा, घटनाओं के उद्भव-पतन और संघर्ष की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि नायक ही संपूर्णता में कथा का वाहक होता है। यही कारण है कि नाटकों की तरह इसमें अनेक पात्रों का कोई बड़ा-छोटा संघर्ष नहीं होता। नायक के लिए सर्वगुणसंपन्न होना भी आवश्यक नहीं होता। वह साधारण जीवन जीता हुआ व्यक्ति भी हो सकता है। 
इस गद्यांश से यह स्पष्ट होता है कि एकांकी में चरित्रों की संख्या सीमित होती है, नायक अधिक प्रभावशाली होता है और बाहरी संघर्ष बहुत कम दिखाया जाता है। 

Question: 1

‘कल्पना’ शब्द में सन्धि का भेद बताइए।

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सन्धि प्रश्न हल करते समय शब्द का विग्रह अवश्य करें। इससे सही सन्धि की पहचान करना आसान हो जाता है।
Updated On: Sep 19, 2025
  • व्यञ्जन सन्धि
  • स्वर सन्धि
  • अयादि सन्धि
  • व्याभिचारी सन्धि
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

Step 1: शब्द का विग्रह।
‘कल्पना’ शब्द का निर्माण ‘कल्प् + अना’ से हुआ है। यहाँ ‘कल्प्’ शब्द का अंत व्यंजन से होता है और ‘अना’ स्वर से आरम्भ होता है।
Step 2: सन्धि की पहचान।
जब एक शब्द का अंत व्यंजन पर हो और दूसरा शब्द स्वर से शुरू हो, तो उनके मिलने पर जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर सन्धि कहा जाता है।
Step 3: अन्य विकल्पों का परीक्षण।
- (A) व्यञ्जन सन्धि — इसमें दोनों शब्दों का मेल व्यंजन-व्यंजन से होता है, जो यहाँ नहीं है।
- (B) स्वर सन्धि — यह सही है, क्योंकि ‘अना’ स्वर से शुरू हो रहा है और पहले शब्द का अंत व्यंजन पर है।
- (C) अयादि सन्धि — यह स्वर सन्धि का ही उपप्रकार है, लेकिन ‘कल्पना’ में इसका प्रयोग नहीं है।
- (D) व्याभिचारी सन्धि — यह यहाँ लागू नहीं होती।
Step 4: निष्कर्ष।
अतः ‘कल्पना’ शब्द में सन्धि का भेद स्वर सन्धि है।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (B) स्वर सन्धि.}} \]
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Question: 2

गद्यांश के अनुसार कौन सी विशेषता एकांकी के चरित्र से संबद्ध नहीं है?

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जब प्रश्न “संबद्ध नहीं है” पूछे, तो उन गुणों को पहचानना चाहिए जिन्हें लेखक ने गद्यांश में स्पष्ट रूप से नकारा है।
Updated On: Sep 19, 2025
  • सरल
  • व्यक्तिवादी
  • प्रभावशाली
  • सर्वगुणसंपन्न
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: गद्यांश का संदर्भ।
गद्यांश में बताया गया है कि एकांकी का नायक प्रभावशाली होना चाहिए, ताकि दर्शक पर गहरा असर डाल सके। यह भी कहा गया है कि नायक को सर्वगुणसंपन्न होना आवश्यक नहीं है।
Step 2: विकल्पों का विश्लेषण।
- (A) सरल — नायक साधारण जीवन जी सकता है, अतः यह सही है।
- (B) व्यक्तिवादी — गद्यांश में नायक को व्यक्तित्व प्रधान बताया गया है।
- (C) प्रभावशाली — यह आवश्यक गुण है, जैसा कि गद्यांश में स्पष्ट है।
- (D) सर्वगुणसंपन्न — यह आवश्यक नहीं है; गद्यांश में इसे नायक की शर्त से बाहर रखा गया है।
Step 3: निष्कर्ष।
अतः एकांकी के चरित्र से संबद्ध नहीं होने वाली विशेषता है ‘सर्वगुणसंपन्न’।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (D) सर्वगुणसंपन्न.}} \]
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Question: 3

एकांकी की कथावस्तु में किसके लिए स्थान नहीं रहता है?

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गद्यांश में यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि किन तत्वों को लेखक ने “नहीं होता” या “स्थान नहीं रहता” कहकर अलग किया है। यह सीधा उत्तर होता है।
Updated On: Sep 19, 2025
  • नायक
  • नायिका
  • विवाद
  • सह चरित्र
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: गद्यांश का संदर्भ।
गद्यांश में कहा गया है कि एकांकी की कथावस्तु सीमित होती है और इसमें घटनाओं के उद्भव-पतन तथा बड़े विवादों के लिए स्थान नहीं होता।
Step 2: विकल्पों का विश्लेषण।
- (A) नायक — एकांकी का केंद्र बिंदु होता है।
- (B) नायिका — सह-चरित्र के रूप में हो सकती है।
- (C) विवाद — गद्यांश के अनुसार इसके लिए स्थान नहीं रहता।
- (D) सह चरित्र — ये भी उपस्थित हो सकते हैं, पर मुख्य भूमिका नायक की होती है।
Step 3: निष्कर्ष।
अतः एकांकी की कथावस्तु में विवाद के लिए स्थान नहीं रहता।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (C) विवाद.}} \]
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Question: 4

गद्यांश के अनुसार चरित्र निर्माण के लिए इनमें से क्या आवश्यक नहीं है?

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गद्यांश-आधारित प्रश्नों में “आवश्यक नहीं है” या “स्थान नहीं है” जैसे संकेत शब्द सीधे उत्तर तक पहुँचाते हैं।
Updated On: Sep 19, 2025
  • संस्कार
  • मनोविज्ञान
  • वातावरण
  • घटनाओं का उद्भव-पतन
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: गद्यांश का संदर्भ।
गद्यांश में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एकांकी में घटनाओं के उद्भव-पतन की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह नाटक की तरह विस्तृत नहीं होता। नायक ही संपूर्णता में कथा का वाहक होता है।
Step 2: विकल्पों का परीक्षण।
- (A) संस्कार — चरित्र निर्माण के लिए यह आवश्यक तत्व है।
- (B) मनोविज्ञान — चरित्र की गहराई और प्रभाव के लिए मनोवैज्ञानिक आधार जरूरी होता है।
- (C) वातावरण — किसी भी चरित्र को समझने के लिए वातावरण महत्वपूर्ण होता है।
- (D) घटनाओं का उद्भव-पतन — गद्यांश के अनुसार यह एकांकी के चरित्र निर्माण में आवश्यक नहीं है।
Step 3: निष्कर्ष।
अतः चरित्र निर्माण के लिए “घटनाओं का उद्भव-पतन” आवश्यक नहीं है।
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (D) घटनाओं का उद्भव-पतन.}} \]
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