Comprehension

जवाहरलालनेहरूशास्त्री कञ्चन करणीनामकशिल्पिनः आसीत । मियालगोटेर्यालेयां स्थितः सः आरक्षका: मातृका: हत आसीत: आसीत तद्विषये । सः विज्ञानानन्दसदनं नीत्वा तत्र कार्स्यमं पृष्ट्वा गुरुकुलं अध्यायान्वितं स्म । गार्हस्थ्यं यः सहाय्यं कुर्वीत तस्मै योगः: पुरस्कारः दायते हि सर्वकारणं धार्मिकत्व आसीत ।
कविलासः जवाहरलालनेहरूशास्त्री तेह्रुआं स्फूर्तं परं स्थितः । एष्याणाकारे विद्यायामं सः राजपुरमार्ग स्थितः कञ्चन आराधनं स्मरति स्म । आश्चर्यकरः साधुः इदम्नातरणं एव जवाहरलालनेहरूयं अभिनवावदानम् । अतः सः पुरस्कारतः आख्यापक अध्यम्यः ।
 आख्यापकः : आगत्य शान्तिनगरं आरक्षकालं अन्यत्र । शान्तिनगरं: तु अन्यनामं धैर्येण स्थियते न पुरातनं ।

Question: 1

जगदीशचन्द्रशास्त्री कुत्र अध्यापयति स्म ?

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अनुच्छेद आधारित प्रश्नों के उत्तर हमेशा अनुच्छेद में ही छिपे होते हैं। प्रश्न के मुख्य शब्दों (जैसे 'अध्यापयति स्म') को अनुच्छेद में खोजें और संबंधित वाक्य को ध्यान से पढ़ें।
Updated On: Sep 9, 2025
  • विद्यालये
  • महाविद्यालये
  • गुरुकुले
  • विश्वविद्यालये
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न अनुच्छेद पर आधारित है। हमें अनुच्छेद में दी गई जानकारी से यह पता लगाना है कि जगदीशचंद्र शास्त्री कहाँ पढ़ाते थे।
Step 2: Detailed Explanation:
अनुच्छेद की तीसरी पंक्ति में लिखा है: "सः विज्ञानानन्दसरस्वतीनाम्ना तिष्ठन् कस्मिंश्चित् गुरुकुले अध्यापयति स्म।" इसका अर्थ है: "वह विज्ञानानंद सरस्वती के नाम से रहते हुए किसी गुरुकुल में पढ़ाते थे।" इस जानकारी से स्पष्ट है कि वे एक गुरुकुल में अध्यापन कार्य करते थे।
Step 3: Final Answer:
अतः, जगदीशचंद्र शास्त्री गुरुकुल में पढ़ाते थे।
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Question: 2

जगदीशचन्द्रशास्त्री राजपुरमार्गे कुत्र प्राविशत् ?

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संस्कृत गद्यांश में क्रियापदों पर विशेष ध्यान दें। 'प्राविशत्' (प्रविष्ट हुए) क्रिया का कर्म 'आश्रमम्' है, जिससे उत्तर स्पष्ट हो जाता है।
Updated On: Sep 9, 2025
  • वनम्
  • गृहम्
  • नदीम्
  • आश्रमम्
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न भी अनुच्छेद पर आधारित है। हमें पता लगाना है कि जगदीशचंद्र शास्त्री राजपुर मार्ग पर कहाँ प्रविष्ट हुए।
Step 2: Detailed Explanation:
अनुच्छेद के दूसरे पैराग्राफ की दूसरी पंक्ति में लिखा है: "प्रयाणावसरे विश्रामार्थं सः राजपुरमार्गे स्थितं कञ्चित् आश्रमं प्राविशत्।" इसका अर्थ है: "यात्रा के समय विश्राम के लिए वह राजपुर मार्ग पर स्थित किसी आश्रम में प्रविष्ट हुए।" यह वाक्य स्पष्ट रूप से बताता है कि वे एक आश्रम में गए थे।
Step 3: Final Answer:
अतः, जगदीशचंद्र शास्त्री राजपुर मार्ग पर आश्रम में प्रविष्ट हुए।
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Question: 3

अनुच्छेदे प्रयुक्तानां विभक्तीनां क्रमं व्यवस्थापयत ।
(A) द्वितीया विभक्तिः
(B) तृतीया विभक्तिः
(C) सप्तमी विभक्तिः
(D) प्रथमा विभक्तिः

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प्रतियोगी परीक्षाओं में कभी-कभी अस्पष्ट या गलत प्रश्न आ जाते हैं। यदि प्रश्न का कोई तार्किक आधार न मिले, तो मानक व्याकरणिक नियमों के आधार पर विश्लेषण करें। यदि फिर भी कोई उत्तर न मिले, तो प्रश्न को छोड़कर आगे बढ़ना एक अच्छी रणनीति हो सकती है।
Updated On: Sep 9, 2025
  • (A), (B), (C), (D).
  • (D), (C), (B), (A).
  • (B), (A), (D), (C).
  • (D), (A), (B), (C).
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न अनुच्छेद में प्रयुक्त विभक्तियों को एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित करने के लिए कह रहा है। हालांकि, प्रश्न यह स्पष्ट नहीं करता है कि किस आधार पर क्रम निर्धारित करना है (जैसे, पहली बार प्रयोग के आधार पर, या मानक व्याकरणिक क्रम में)।
Step 2: Detailed Explanation:
संस्कृत व्याकरण में विभक्तियों का मानक क्रम है:

प्रथमा विभक्ति (D)
द्वितीया विभक्ति (A)
तृतीया विभक्ति (B)
चतुर्थी विभक्ति
पञ्चमी विभक्ति
षष्ठी विभक्ति
सप्तमी विभक्ति (C)
दिए गए विकल्पों में, कोई भी विकल्प मानक व्याकरणिक क्रम (प्रथमा, द्वितीया, तृतीया... सप्तमी) से मेल नहीं खाता है। अनुच्छेद में भी सभी विभक्तियों का प्रयोग हुआ है, और उनके प्रथम प्रयोग का क्रम भी दिए गए किसी विकल्प से मेल नहीं खाता है। उदाहरण के लिए, पहली पंक्ति "जगदीशचन्द्रशास्त्री कश्चन क्रान्तिकारिदलीयः आसीत्" में प्रथमा विभक्ति (D) का प्रयोग है। अगली पंक्ति "त्रयः आरक्षकाः मारिताः" में भी प्रथमा विभक्ति है। अनुच्छेद में लगभग सभी विभक्तियों का प्रयोग हुआ है और यह पूछना कि उनका "क्रम" क्या है, बिना किसी आधार के, एक त्रुटिपूर्ण प्रश्न है। यदि हम केवल दिए गए चार विकल्पों को व्याकरणिक क्रम में लगाएं, तो सही क्रम होगा (D) प्रथमा, (A) द्वितीया, (B) तृतीया, (C) सप्तमी।
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Question: 4

'अध्यापयति' इत्यस्य पर्यायपदम् अस्ति -
(A) शिक्षयति
(B) मारयति
(C) दण्डयति
(D) पाठयति
अधोलिखितेषु विकल्पेषु उचिततमम् उत्तरं चिनुत-

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संस्कृत में णिजन्त (causative) क्रियाएं अक्सर '-अयति' में समाप्त होती हैं और 'करवाता है' का अर्थ देती हैं। जैसे - पठति (पढ़ता है) → पाठयति (पढ़ाता है), गच्छति (जाता है) → गमयति (भेजता है)।
Updated On: Sep 9, 2025
  • (A), (D) केवलम् ।
  • (A), (B) केवलम् ।
  • (A), (C) केवलम् ।
  • (B), (D) केवलम् ।
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न 'अध्यापयति' क्रियापद के पर्यायवाची (समानार्थक) शब्दों की पहचान करने के लिए है।
Step 2: Detailed Explanation:
'अध्यापयति' का अर्थ है 'पढ़ाता है'। यह 'अधि + इ' धातु का णिजन्त (प्रेरणार्थक) रूप है। हमें दिए गए विकल्पों में से वे शब्द खोजने हैं जिनका अर्थ भी 'पढ़ाता है' होता है।

(A) शिक्षयति: इसका अर्थ भी 'शिक्षा देता है' या 'पढ़ाता है'। यह 'शिक्ष्' धातु का रूप है। यह एक सही पर्यायवाची है।
(B) मारयति: इसका अर्थ है 'मारता है'। यह 'अध्यापयति' का पर्यायवाची नहीं है।
(C) दण्डयति: इसका अर्थ है 'दण्ड देता है'। यह भी पर्यायवाची नहीं है।
(D) पाठयति: इसका अर्थ भी 'पाठ पढ़ाता है' या 'पढ़ाता है'। यह 'पठ्' धातु का णिजन्त रूप है। यह भी एक सही पर्यायवाची है।
इस प्रकार, 'शिक्षयति' (A) और 'पाठयति' (D) दोनों 'अध्यापयति' के पर्यायवाची हैं।
Step 3: Final Answer:
अतः, सही विकल्प (1) है, जिसमें (A) और (D) दोनों शामिल हैं।
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Question: 5

प्रथमां सूचीं द्वितीयया सूच्या सह मेलयत ।

सूची-Iसूची-II
(A) मारिताः(I) तुमुन्-प्रत्ययः
(B) तिष्ठन्(II) क्तवतु-प्रत्ययः
(C) ग्रहीतुम्(III) क्त-प्रत्ययः
(D) अभिज्ञातवान्(IV) शतृ-प्रत्ययः


अधोलिखितेषु विकल्पेषु उचिततमम् उत्तरं चिनुत-

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कृदन्त प्रत्ययों को उनके अंत्याक्षरों और अर्थों से पहचानें: '-तुम्' (तुमुन्), '-त्वा' (क्त्वा), '-य' (ल्यप्), '-अन्/अत्' (शतृ), '-मान' (शानच्), '-तः/ता/तम्' (क्त), '-वान्/वती/वत्' (क्तवतु)।
Updated On: Sep 9, 2025
  • (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II)
  • (A) - (II), (B) - (IV), (C) - (III), (D) - (I)
  • (A) - (I), (B) - (II), (C) - (IV), (D) - (III)
  • (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II)
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
इस प्रश्न में अनुच्छेद में प्रयुक्त शब्दों को उनके सही प्रत्ययों से मिलाना है।
Step 2: Detailed Explanation:
आइए प्रत्येक शब्द और उसके प्रत्यय का विश्लेषण करें:

(A) मारिताः: यह 'मृ' धातु के णिजन्त रूप 'मारि' में 'क्त' प्रत्यय लगाकर बना है (कर्मणि प्रयोग)। 'क्त' प्रत्यय भूतकाल का बोध कराता है। (मारि + क्त = मारित, प्रथमा बहुवचन में 'मारिताः')। अतः, (A) का मिलान (III) से होगा।
(B) तिष्ठन्: यह 'स्था' (आदेश 'तिष्ठ्') धातु में 'शतृ' प्रत्यय लगाकर बना है। 'शतृ' प्रत्यय 'हुआ' (present participle) का अर्थ देता है (जैसे - रहते हुए)। अतः, (B) का मिलान (IV) से होगा।
(C) ग्रहीतुम्: इसके अंत में 'तुम्' है, जो 'तुमुन्' प्रत्यय का सूचक है। 'तुमुन्' प्रत्यय 'के लिए' (infinitive of purpose) का अर्थ देता है (ग्रह् + तुमुन् = ग्रहीतुम्, पकड़ने के लिए)। अतः, (C) का मिलान (I) से होगा।
(D) अभिज्ञातवान्: इसके अंत में 'वान्' है, जो 'क्तवतु' प्रत्यय का सूचक है (पुल्लिंग में)। 'क्तवतु' प्रत्यय भूतकाल में कर्तरि वाच्य का बोध कराता है (अभि + ज्ञा + क्तवतु = अभिज्ञातवान्, पहचान लिया)। अतः, (D) का मिलान (II) से होगा।
इस प्रकार, सही मिलान है: A-III, B-IV, C-I, D-II।
Step 3: Final Answer:
सही मिलान वाला विकल्प (1) है: (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II).
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