Question:

‘अपनी ज़रूरत को पीछे रखकर दूसरे के कल्याण के लिए दे देना, त्याग होता है।’ ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ के संदर्भ में इसका आशय उदाहरण सहित दीजिए। 
 

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पाठ्यांश से उदाहरण देना न भूलें — इससे उत्तर अधिक प्रभावशाली और सटीक बनता है।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

‘काले मेघा पानी दे’ पाठ में लेखक ने जल के माध्यम से त्याग और कल्याण की भावना को चित्रित किया है। मेघ अपने भीतर जल को संचित करता है, लेकिन जब वह वर्षा करता है, तो वह स्वयं को रिक्त कर देता है — दूसरों की तृषा शांत करने हेतु।
इसी प्रकार, पाठ में व्यक्त यह भाव कि “अपनी ज़रूरत को पीछे रखकर दूसरे के कल्याण के लिए देना ही सच्चा त्याग है” — जीवन मूल्यों में सर्वोपरि माना गया है। लेखक ने बताया है कि जैसे बादल अपने लिए नहीं बरसते, वैसे ही मनुष्य को भी अपने स्वार्थ को त्याग कर समाज की सेवा करनी चाहिए।
उदाहरणतः, किसान को समय पर वर्षा का जल मिल जाए तो उसकी फसल लहलहा उठती है। लेकिन मेघ को उसका कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं होता। यह परमार्थ ही त्याग की संपूर्णता को दर्शाता है।
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