‘बनारस’ कविता के आधार पर बनारस शहर की धार्मिक पृष्ठभूमि और सामाजिक यथार्थ के एक-एक बिंदु पर प्रकाश डालिए।
विद्यापति और जायसी की नायिकाओं में किस प्रकार की समानता है ? पठित पदों के आधार पर किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
देवसेना के जीवन-संघर्ष को अपने शब्दों में लिखिए।
निम्नलिखित पाठ्य काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए :
"मुझ भाग्यहीन की तू संबल
युग वर्ष बाद जब हुई विकल
दुख ही जीवन की कथा रही
क्या कहूँ आज, जो नहीं कही!
हो इसी धर्म पर वज्रपात
यदि धर्म, रहे नत सदा माथ
इस पथ पर, मेरे कार्य सकल
हो भ्रष्ट शिथिल के-से शरतल!
कन्ये, गत कर्मों का अर्पण
कर, करता मैं तेरा तर्पण!"
कविता के प्रमुख घटकों और उन्हें सीखने की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।