निम्नलिखित उपयुक्त पंक्तियों को पकड़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए: पंक्तियाँ: घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो, आज बार-बार पर यह दीपक मुझे नहीं। यह क्षीणित का (दीप) सा रहा विधन है। शक्ति का दिया हुआ, शक्ति को दिया हुआ भक्ति से दिया हुआ, यह स्वातंत्रता-दीप कभी न नाव हो, और का बहाव हो, आज पंख-धार पर यह दीपक बुझने नहीं। यह स्वातंत्र का दीपक प्राप्त के समान है।
(a) पंक्तियों का शीर्षक लिखिए।
(b) पंक्तियों का सार लिखिए।
(c) स्वतंत्रता के कवि ने दीपक क्यों कहा है?