हरिवंश राय बच्चन अवधी तुलसीदास का काव्यगत परिचय निम्न बिंदुओं के आधार पर दीजिए:
(i) दो चरणाएँ
(ii) भावक्ष - कलापक्ष
(iii) साहित्य में स्थान
हरिवंश राय बच्चन ने तुलसीदास के काव्यगत परिचय को निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर प्रस्तुत किया:
1. **दो चरणाएँ:** उनके काव्य में दो प्रमुख पक्ष होते हैं – भावक्ष और कलापक्ष।
2. **भावक्ष - कलापक्ष:** इसमें भावों और कलाओं का समन्वय और संतुलन होता है, जो कि तुलसीदास के काव्य की विशेषता है।
3. **साहित्य में स्थान:** तुलसीदास ने भारतीय साहित्य में अपना एक विशिष्ट स्थान पाया है, विशेषकर रामायण के उनके अवधी रूप के कारण।
'रामधारी सिंह 'दिनकर' के पिता का नाम क्या था ?'
'सुमित्रानंदन पंत के पिता का नाम क्या था ?'
'घनानंद किसके सैनिकों द्वारा मारे गये ?'
'कवि घनानंद का जन्म किस वर्ष हुआ था ?'
'किनकी रचनाओं से मुग्ध होकर भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने कहा था - 'इन मुसलमान हरिजनन पै, कोटिन हिन्दू वारिये ।''
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए:
(i) पर्यावरण की सुरक्षा
(ii) दुखों की उपयोगिता
(iii) विद्यार्थी और अनुशासन
(iv) राष्ट्रीय एकता और अखंडता
(v) इंटरनेट का दैनिक जीवन में अनुपयोग
परीक्षा की तैयारी की जानकारी देते हुए पिता को पत्र लिखिए।
द्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाने हेतु जिला सचिव महोदय को प्रार्थना पत्र लिखिए।
निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए: गद्यांश: पैसा पावर है। पर उसके स्वभाव में आस-पास सालों तक जमा न जमा हो तो क्या वह ताकत पावर है! पैसे को देखने के लिए बैंक-हिसाब सीट, पर माल-असबाब, मकान-कोठी तो अनदेखे भी दीखते हैं। पैसे के उस 'पेसींग पावर' के प्रयोग में ही पावर का खेल है।
निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए: गद्यांश: एक बार वह 'डांग' देखने श्यामनगर शेला गया। पहलवानों की कुस्ती और डांव-पेच देखकर उससे नहीं रहा गया। जवानी की मस्ती और होल की ललकारती हुई आवाज़ ने उसकी नसों में बिजली उत्पन्न कर दी। उसने बिना कुछ सोचे-समझे दंगल में 'शेर के बच्चों' को चुनौति दे दी।