Question:

निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए: गद्यांश: एक बार वह 'डांग' देखने श्यामनगर शेला गया। पहलवानों की कुस्ती और डांव-पेच देखकर उससे नहीं रहा गया। जवानी की मस्ती और होल की ललकारती हुई आवाज़ ने उसकी नसों में बिजली उत्पन्न कर दी। उसने बिना कुछ सोचे-समझे दंगल में 'शेर के बच्चों' को चुनौति दे दी।

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कभी-कभी हमारे जीवन में जोश और उत्साह हमें कुछ असंभावित कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं। हालांकि, इन कदमों को सोच-समझ कर उठाना अधिक लाभकारी हो सकता है।
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Solution and Explanation

गद्यांश में दर्शाया गया है कि व्यक्ति के जीवन में कभी-कभी अनियंत्रित उत्साह उसे हर चुनौती को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है। यहाँ पर, 'शेर के बच्चों' को चुनौती देना यह दर्शाता है कि बिना सोचे-समझे भी अपने उत्साह से किसी भी परिस्थिति में कूद पड़ना, कभी-कभी हानिकारक भी हो सकता है।
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