निम्नलिखित पद्यांश के आधार पर दिए गए अगले छह प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 
आराधन का दृढ़ आराधन से दो उत्तर, 
तुम वरो विजय संयत प्राणों से प्राणों पर; 
रावण अशुद्ध होकर भी यदि कर सका त्रस्त 
तो निश्चय तुम हो सिद्ध करोगे उसे ध्वस्त; 
शक्ति की करो मौलिक कल्पना, करो पूजन, 
छोड़ दो समर जब तक न सिद्धि हो, रघुनंदन !
 तब तक लक्ष्मण हैं महावाहिनी के नायक 
मध्य भाग में, अंगद दक्षिण-श्वेत सहायक, 
मैं भल्ल-सैन्य; हैं वाम पार्श्व में हनूमान, 
नल, नील, और छोटे कपिगण उनके प्रधान;
 सुग्रीव, विभीषण, अन्य यूथपति यथासमय 
आयेंगे रक्षा हेतु जहाँ भी होगा भय ।