Question:

'व्याख्या करें : "अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष हो जाता ।"'

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मनुष्य को अपने कार्यों में नैतिकता और ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि अनैतिक तरीके से पाया गया संतोष अंततः असंतोष का कारण बनता है।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

यह पंक्ति एक व्यक्ति के मानसिक द्वंद्व और आंतरिक संघर्ष को उजागर करती है। यह वाक्य यह बताता है कि कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने गलत कार्यों में भी संतुष्टि का अनुभव करता है, खासकर जब उसे लगता है कि उसने अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया। यहाँ, लेखक यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि वह कुछ चोरी कर लेता, तो उसे तात्कालिक रूप से संतोष और सफलता का अहसास होता। यह संतोष केवल बाहरी और तात्कालिक होता है, लेकिन इस तरह की संतुष्टि के परिणाम अक्सर नकारात्मक होते हैं। इस प्रकार की संतुष्टि मनुष्य के अंतर्मन में असंतोष, अपराधबोध और मानसिक अशांति का कारण बन सकती है। यह पंक्ति इस बात को दर्शाती है कि मानव के आंतरिक संघर्ष और नैतिकता के बीच द्वंद्व होता है। कभी-कभी गलत मार्ग से हासिल किया गया संतोष, असल में मनुष्य को असंतुष्ट ही करता है। यह वाक्य यह भी दर्शाता है कि हमें अपने कार्यों और निर्णयों को सही और नैतिक रूप से लेना चाहिए, क्योंकि अंततः संतुष्टि और खुशी केवल सही और ईमानदार तरीके से ही प्राप्त हो सकती है।
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