Question:

विशेष लेखन की भाषा–शैली सामान्य लेखन से अलग कैसे है ? 
 

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विशेष लेखन करते समय तथ्यों की पुष्टि और संतुलित भाषा-शैली बनाए रखना आवश्यक है।
Updated On: Jul 28, 2025
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Solution and Explanation

विशेष लेखन का तात्पर्य है — किसी विशेष विषय, मुद्दे या विचार पर गहराई से शोध करके विश्लेषणात्मक शैली में लेख प्रस्तुत करना। इसकी भाषा और शैली सामान्य लेखन से निम्न बिंदुओं में अलग होती है:
(i) विशेष लेखन की भाषा अधिक औपचारिक, सटीक और सूचनात्मक होती है।
(ii) इसमें तथ्यों, आँकड़ों और साक्ष्यों का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है।
(iii) लेख की संरचना स्पष्ट रूप से प्रस्तावना, मुख्य विषय और निष्कर्ष में विभाजित होती है।
(iv) सामान्य लेखन में भावनात्मकता और व्यक्तिगत दृष्टिकोण अधिक होता है, जबकि विशेष लेखन में तटस्थता और विश्लेषण आवश्यक है।
इस प्रकार, विशेष लेखन अधिक गम्भीर और उद्देश्यपरक होता है, जबकि सामान्य लेखन अपेक्षाकृत सहज एवं अभिव्यक्तिपूर्ण।
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