Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :

उस जादू की जकड़ से बचने का एक सीधा-सा उपाय है। वह यह कि बाज़ार जाओ तो खाली मन न हो। मन खाली हो, तब बाज़ार न जाओ। कहते हैं लू में जाना हो तो पानी पीकर जाना चाहिए। पानी भीतर हो, लू का लू-पन व्यर्थ हो जाता है। मन लक्ष्य से भरा हो, तो बाज़ार भी फैलाव-का-फैलाव ही रह जाएगा। तब वह घाव बिल्कुल नहीं दे सकेगा, बल्कि कुछ आनंद ही देगा। तब बाज़ार तुमसे कृतार्थ होगा, क्योंकि तुम कुछ-न-कुछ सच्चा लाभ उसे दोगे। बाज़ार की असली कृतार्थता है -- आवश्यकता के समय काम आना।

यहाँ एक अंतर समझ लेना बहुत ज़रूरी है। मन खाली नहीं रहना चाहिए, इसका मतलब यह नहीं है कि मन बंद रहना चाहिए। जो बंद हो जाएगा, वह शून्य हो जाएगा। शून्य होने का अधिकार बस परमात्मा का है।

Question: 1

गद्यांश में लू और पानी का उदाहरण किस उद्देश्य से दिया गया है ?

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प्रतीक और रूपक वाले उदाहरणों में उसके पीछे छिपे गहरे भावार्थ को समझना ज़रूरी होता है।
  • गर्मी के दुष्प्रभाव से बचने के लिए
  • बाज़ार की चकाचौंध से बचने के लिए
  • मन को नियंत्रण में रखने के लिए
  • बाज़ार की कृतार्थता समझाने के लिए
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश में "लू में जाना हो तो पानी पीकर जाना चाहिए" का प्रयोग रूपक के रूप में किया गया है।
यहाँ "लू" प्रतीक है बाज़ार की चकाचौंध, भ्रम और आकर्षण का, जो व्यक्ति को बहका सकती है।
"पानी पीकर जाना" का अर्थ है — स्वयं को भावनात्मक और बौद्धिक रूप से संतुलित रखना।
लेखक कहना चाहता है कि अगर मन खाली हो, तो बाज़ार की मोहकता व्यक्ति को भटका सकती है,
लेकिन अगर मन लक्ष्य से भरा हुआ हो, तो बाज़ार में फैला आकर्षण व्यक्ति को विचलित नहीं कर पाएगा।
इसलिए, यह उदाहरण बाज़ार की चकाचौंध से बचने के उद्देश्य से दिया गया है।
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Question: 2

बाज़ार को कृतार्थता कौन प्रदान करता है ?

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जब विकल्पों में शब्द जैसे “ज़रूरत”, “समय” या “सार्थकता” आएं, तो उन्हें गद्यांश की मूल भावना से जोड़कर सोचें।
  • जो कूपनता के साथ ख़रीददारी करता है
  • जो बाज़ार से भरपूर ख़रीददारी करता है
  • जो अपनी ज़रूरत के अनुसार ही ख़रीददारी करता है
  • जिसकी जेब और मन दोनों ही भरे होते हैं
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "बाज़ार की असली कृतार्थता है — आवश्यकता के समय काम आना।"
इसका अर्थ यह है कि बाज़ार का सही उद्देश्य केवल भौतिक उपभोग नहीं, बल्कि उपयोगिता के अनुसार वस्तुओं का चयन है।
जो व्यक्ति अपनी ज़रूरत के अनुसार ही ख़रीददारी करता है, वह बाज़ार को कृतार्थता प्रदान करता है — यानी वह बाज़ार की सार्थकता को सिद्ध करता है।
बाकी विकल्पों में या तो अतिव्यय या व्यर्थता निहित है।
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Question: 3

निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर उचित विकल्प का चयन कर लिखिए :

कथन : बाज़ार की असली कृतार्थता आवश्यकता के समय लोगों के काम आना है।
कारण : बाज़ार का मूर्ख आमंत्रण लोगों में चाह जगाता है।

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जब कथन और कारण दोनों सही हों, तब यह जाँचें कि क्या कारण वास्तव में कथन की व्याख्या करता है या केवल एक अलग तथ्य प्रस्तुत करता है।
  • कथन तथा कारण दोनों ग़लत हैं।
  • कारण सही है, लेकिन कथन ग़लत है।
  • कथन तथा कारण दोनों सही हैं, लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है।
  • कथन तथा कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बाज़ार की वास्तविक कृतार्थता तब सिद्ध होती है जब वह व्यक्ति की आवश्यकता के समय काम आता है। यह कथन सही है।
वहीं, बाज़ार लोगों में लुभावना आमंत्रण देकर चाह उत्पन्न करता है — यह भी सत्य है।
हालाँकि, यह कारण बाज़ार की कृतार्थता का कारण नहीं बल्कि उसकी सीमाओं और जोखिमों की ओर संकेत करता है।
अतः दोनों कथन और कारण भले ही सही हैं, पर कारण कथन की उचित व्याख्या नहीं करता है।
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Question: 4

कॉलम-I को कॉलम-II से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए :

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सुमेलन प्रश्नों में शब्दों के भाव-संकेतों को सही समझकर जोड़ना चाहिए। भावार्थ आधारित जोड़ अधिक सटीक होता है।
  • 1-(ii), 2-(iii), 3-(i)
  • 1-(i), 2-(iii), 3-(ii)
  • 1-(iii), 2-(i), 3-(ii)
  • 1-(ii), 2-(i), 3-(iii)
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

मन भरा होना का अर्थ है “मन का तृप्त होना” — जो (ii) से मेल खाता है।
मन बंद होना का अर्थ है “मन का शून्य होना” — जो (iii) से मेल खाता है।
मन खाली होना का सही अर्थ है “मन का तुष्ट होना” — जो (i) से मेल खाता है।
अतः सुमेलन क्रम बनता है: 1-(ii), 2-(iii), 3-(i), और सही उत्तर (A) है।
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Question: 5

निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प गद्यांश के मूल भाव को व्यक्त करता है ?

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मुख्य भाव वाले प्रश्नों में पूरे गद्यांश के सार और उद्देश्य को ध्यान से पढ़ें, न कि केवल अंतिम पंक्तियाँ।
  • आवश्यकताओं को समझे बज़ार का उपयोग करें
  • बाज़ार के आकर्षण से बचने के लिए मन को बंद रखें
  • बाज़ार की जादुई ताकत से बचने के लिए बाज़ार न जाएँ
  • बाज़ार से खरीदाऱी करने वाले लोग उसे कृतार्थता प्रदान करते हैं
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

गद्यांश में यह बताया गया है कि बाज़ार में जाने से पहले मन और लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। जब मन आवश्यकताओं से भरा हो, तभी बाज़ार जाएँ, ताकि बाज़ार की चकाचौंध व्यक्ति को भटका न सके।
इसलिए बाज़ार का उपयोग समझदारी से करने की बात की गई है, जिससे विकल्प (A) गद्यांश के मूल भाव को सटीक रूप से व्यक्त करता है।
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