Question:

'तुमुल' खण्डकाव्य के लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध का वर्णन कीजिए । 
 

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युद्ध का वर्णन करते समय घटनाक्रम को सिलसिलेवार लिखें। युद्ध के आरम्भ, मध्य और अंत (परिणाम) को स्पष्ट रूप से बताएँ। युद्ध में प्रयुक्त विशेष अस्त्रों (जैसे- वीरघातिनी शक्ति) का उल्लेख अवश्य करें।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

'तुमुल' खण्डकाव्य में वर्णित लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध 'तुमुल' खण्डकाव्य में लक्ष्मण और मेघनाद का युद्ध अत्यंत भयंकर और निर्णायक था। इसका वर्णन इस प्रकार है: जब लंका के बड़े-बड़े वीर योद्धा मारे गए, तो रावण ने अपने सबसे पराक्रमी पुत्र मेघनाद को युद्ध के लिए भेजा। मेघनाद अपनी कुलदेवी की पूजा करके अजेय रथ पर सवार होकर युद्ध-भूमि में आया। उसका सामना श्रीराम के भाई लक्ष्मण से हुआ। दोनों वीरों के बीच घमासान युद्ध छिड़ गया। दोनों ही अपने-अपने अस्त्र-शस्त्रों से एक-दूसरे पर प्रहार करने लगे। लक्ष्मण ने अपने बाणों से मेघनाद के रथ, सारथी और घोड़ों को नष्ट कर दिया। जब मेघनाद ने देखा कि वह सीधे युद्ध में लक्ष्मण को पराजित नहीं कर सकता, तो उसने अपनी मायावी शक्ति का प्रयोग किया। वह आकाश में अदृश्य हो गया और वहीं से लक्ष्मण पर घातक बाणों की वर्षा करने लगा। अंत में, उसने विभीषण के परामर्श के विरुद्ध, अपनी अमोघ 'वीरघातिनी शक्ति' का प्रयोग लक्ष्मण पर किया। उस दिव्य शक्ति के प्रहार को लक्ष्मण सहन न कर सके और मूर्छित होकर पृथ्वी पर गिर पड़े। इस प्रकार, मेघनाद ने छल और माया से इस युद्ध में विजय प्राप्त की। यह युद्ध मेघनाद की मायावी शक्ति और लक्ष्मण के अदम्य शौर्य का प्रतीक है।
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