'सत्य की जीत' खण्डकाव्य की नायिका साहसी, धैर्यवान और सत्य की पक्षधर है। उसका चरित्र संघर्ष, धैर्य और आदर्शवादिता का प्रतीक है।
साहस और आत्मबल:
वह जीवन में अनेक संघर्षों का सामना करती है, लेकिन सत्य के मार्ग से कभी विचलित नहीं होती।
धैर्य और सहनशीलता:
विपरीत परिस्थितियों में भी वह धैर्य नहीं खोती और सत्य की रक्षा हेतु संघर्ष करती रहती है।
न्यायप्रियता और नैतिकता:
उसकी सोच न्यायपूर्ण है, और वह सत्य और न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार रहती है।
दृढ़ निश्चयी और संघर्षशील:
वह समाज की बुराइयों से डरती नहीं, बल्कि उनका मुकाबला करती है। उसका दृढ़ संकल्प उसे एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाता है।
सत्य और धर्म की प्रतीक:
वह अपने जीवन में सत्य और धर्म को सर्वोपरि मानती है और दूसरों को भी इन्हीं मूल्यों पर चलने की प्रेरणा देती है।
इस खण्डकाव्य की नायिका सत्य और न्याय की स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और उसकी संघर्षशीलता पाठकों को प्रेरित करती है।